नई दिल्ली। भारत से भी ज्यादा तेज गति से पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) का इस्तेमाल बढ़ रहा है. Chainalysis की एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है.
Chainalysis की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में 641 फीसदी की बढ़त हुई है, जबकि इस दौरान पाकिस्तान के क्रिप्टोकरेंसी बाजार में 711 फीसदी की बढ़त हुई है. Chainalysis के विश्लेषण में किसी देश में किसी साल ली गई कुल क्रिप्टोकरेंसी के आधार पर यह आंकड़ा जारी किया जाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के पतों से जो लेनदेन हुए हैं उनमें 42 फीसदी हिस्सा 1 करोड़ डॉलर (करीब 73 करोड़ रुपये) से ज्यादा रकम के बड़े संस्थागत निवेशकों का है. पाकिस्तान में इस तरह का हिस्सा 28 फीसदी और वियतनाम में 29 फीसदी है.
एशिया में अच्छा विस्तार
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार इस इलाके में पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी संबंधी उद्यमिता और वेंचर कैपिटल निवेश में काफी बढ़त हुई है. रिपोर्ट के अनुसार भारत, पाकिस्तान और वियतनाम की वजह से ही एशिया में cryptocurrency बाजार को अच्छा विस्तार मिल रहा है.
चीन ने लगाया है बैन
चीन ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा रखा है. चीन के केंद्रीय बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (People’s Bank of China) ने कहा है कि सभी डिजिटल करेंसी गतिविधियां अवैध हैं और वह इन पर कार्रवाई करेगा.DeFi एक ऐसा सिस्टम होता है जिसके तहत बिटकॉइन जैसे डिजिटल फाइनेंशियल प्रोडक्ट सार्वजनिक विकेंद्रित ब्लॉकचेन नेटवर्क पर उपलब्ध होते हैं.
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन जैसी किसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है, लेकिन इस बारे में अभी सरकार की तरफ से किसी पॉलिसी के अभाव में इस पर बैन भी नहीं है. सरकार की मंशा यह है कि इसे कम से कम टैक्स के दायरे में तो लाया जाए.