पलामू। ऋषि कांत तिवारी ने सभी पारा शिक्षकों को एक मंच पर आने का आग्रह किया है। साथ ही कहा है कि, बिहार की नियमावली जल्द से जल्द लागू हो इस पर अष्टमंगल लोग विशेष रुप से ध्यान दें।
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उन्होंने आगे कहा कि, “सभी शिक्षक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का नाम जरूर याद होगा और वह राष्ट्रपति थे ये सब जरूर जानते होंगे l जब राष्ट्रपति महोदय जी का पहला कार्यकाल पूरा हुआ तो हमारे देश के मिसाइल मैन माननीय राष्ट्रपति महोदय से दूसरे कार्यकाल के लिए पद पर रहने की बात हुई तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत की जनसंख्या एक करोड़ है उसमें दूसरा को मौका दिया जाए क्योंकि यहां पर हम से भी लोग ज्यादा तेज हैं और योग्य हैं l मित्रों पारा शिक्षक का संगठन चाहे वह चार हो या पांच उससे हमें मतलब नहीं है। बात यह है कि पारा शिक्षक को पूरा शिक्षक बनाया जाए और जिस प्रकार से यह शोर मचा है पद लोलुपता के लिए वह बहुत बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण हैl मित्रों मैं सारे नेतृत्वकर्ता से निवेदन करना चाहता हूं कि यदि आप पारा शिक्षक का कल्याण चाहते हैं तो राजनीति से दूर रहें और यदि आप बैठक में जाते हैं तो ठोस निर्णय लेते हुए जल्द से जल्द कल्याण की बात सोचे नहीं तो ऊपर वाला किसी भी हाल में माफ नहीं करेगा l”
उन्होंने कुछ शब्द भी कहें जो इस प्रकार हैं-
ना संघर्ष ना तकलीफ फिर क्या मजा है जीने में l
तूफान भी थम जाएगी जब लक्ष रहेगा सीने में l
उन्होंने झारखंड के तमाम नेतृत्व करता एवं सरकार से आग्रह किया है कि झारखंड के 65000 पारा शिक्षक के खुशहाली के लिए बिहार के तर्ज पर नियमावली को जल्द से जल्द लागू करवाने का प्रयास करें अन्यथा हम लोग बाध्य होकर आमरण अनशन करने को तैयार हैं।