गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी में पीएम नरेंद्र मोदी समेत 55 राजनेताओं व अधिकारियों को मिली क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी ने याचिका की थी। कोर्ट ने शुक्रवार को यह कहते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया कि कानून का दुरुपयोग करना ठीक नहीं।
कोर्ट ने एसआईटी की तारीफ की और सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि जितने लोग कानून से खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ का भी नाम लिया और कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ और जांच की जरूरत है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था, ”भाजपा की विरोधी राजनीतिक पार्टियां, कुछ वैचारिक राजनीति में आए हुए पत्रकार और कुछ एनजीओ ने मिलकर इस त्रिकूट ने मिलकर इन आरोपों को इतना प्रचारित किया और इनका इकोसिस्टम भी इतना मजबूत था कि धीरे-धीरे लोग झूठ को ही सत्य मानने लगे।
शाह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने भी कहा कि जाकिया जाफरी किसी ओर के इशारे पर काम कर रही थीं। शाह ने तीस्ता सीतलवाड़ का भी नाम लिया जिनका एनजीओ पूरे केस में खासा सक्रिय था। उन्होंने तहलका पत्रिका के स्टिंग ऑपरेशन का भी जिक्र किया और कहा कि अदालत ने उसको खारिज कर दिया है।