नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पहले सिख गुरु नानक देव की 553वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में हिस्सा लिया है। ये कार्यक्रम राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के आवास पर हुआ।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विभाजन में हमारे पंजाब के लोगों ने, देश के लोगों ने जो बलिदान दिया, उसकी स्मृति में देश ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की शुरुआत की है। विभाजन के शिकार सिख हिंदू परिवारों के लिए हमने सीएए कानून लाकर उन्हें नागरिकता देने का प्रयास किया है। उन्होंने आगे कि मैं आप सभी को प्रकाश पर्व की बधाई देता हूं।
इसके साथ ही उन्होंने देव दिवाली की भी बधाई दी और कहा कि विशेषकर काशी में भव्य आयोजन हो रहा है। लाखों दियों से देवी-देवताओं का स्वागत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व को मनाने का सौभाग्य मिला। हमें गुरु तेग बहादुर जी के 400वां प्रकाश पर्व मनाने का सौभाग्य मिला। तीन वर्ष पहले हमने गुरु नाक देव जी का 550वां प्रकाश उत्सव भी पूरे उल्लास से देश और विदेश में मनाया है। प्रकाश पर्व का जो बोध सिख परंपरा का रहा है, जो महत्व रहा है आज देश भी उसी तन्मयता से कर्तव्य और सेवा परंपरा को आगे बढ़ा रहा है।
पीएम ने कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में देश, समता, समरसता, सामाजिक न्याय और एकता के लिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र पर चल रहा है। जो मार्गदर्शन देश को गुरुवाणी से मिला था, वो आज हमारे लिए परंपरा भी है, आस्था भी है और विकसित भारत का विजन भी है।