गुमला। 20 साल पहले आदिवासी सरना धर्म को त्याग कर ईसाई धर्म में शामिल एक परिवार के सात सदस्यों ने घर वापसी करते हुए फिर से सनातन सरना धर्म अंगीकार कर लिया। पड़हा कमेटी की पहल पर आदिवासी सरना धर्म से भटके परिवार को ग्राम सभा की सहमति से वापस लाया गया।
जिन लोगों ने ईसाई धर्म छोड़ कर शुक्रवार को सनातन सरना धर्म में वापस आए उनमें सिसई प्रखंड के लंगटा पबेया गांव निवासी अगस्तुस तिर्की, बहु सुको तिर्की, सीताराम उरांव, सीतामुन्नी उरांव, फुलदेव उरांव, फुलसीता उरांव हैं। इनका कहना था कि उन लोगों ने उस समय के अनुसार स्वेच्छा से ईसाई धर्म अपना लिया था और बीस साल के बाद स्वेच्छा से अपने सरना सनातन धर्म में वापस आ रहे हैं।
नौ पड़हा, सात पड़हा और पांच पड़हा कमेटी के तत्वावधान में सरना धर्म समुदाय के लोगों ने ग्राम सभा कर धार्मिक रीति रिवाज से सभी को सरना धर्म में वापस किया गया। इस अनुष्ठान में पड़हा के चैतु पहान, पाथो पहान, विनोद पहान, बलदेव पहान, एतवा पहान, जुब्बी पहान, बेला पहान, मांगा पहान, झिंगु पहान, मटकु पहान, उमेश उरांव, सीताराम उरांव, मनी भगत, सुकरा उरांव, जुब्बी भगत व मंगरा उरांव आदि उपस्थित थे।