कोलकाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत पांच दिवसीय दौरे पर बुधवार को कोलकाता आ रहे हैं। इस दौरान डॉ. भागवत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कोलकाता में आयोजित संघ के गणवेशधारी स्वयंसेवकों के बड़े कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह जानकारी संघ के दक्षिण बंगाल प्रांत के प्रचार प्रमुख विप्लव रॉय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रॉय के साथ पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक अजय नंदी और महानगर प्रचार प्रमुख शुभजीत बनर्जी भी मौजूद थे।
क्षेत्र संघचालक नंदी ने बताया कि 1921 में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से मुलाकात की थी। दोनों ने माना था कि देश को आगे ले जाने के लिए अनुशासित संगठन की जरूरत है। इसके बाद नेताजी ने आजाद हिंद फौज का नेतृत्व किया और 1925 में डॉ. हेडगेवार ने 12 बाल स्वयंसेवकों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। बाद में जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस नागपुर में एक ट्रेन से गुजर रहे थे तब उन्होंने स्टेशन के पास स्वयंसेवकों का पथ संचलन देखा। इसके बाद डॉ. हेडगेवार से मिलने के लिए जून 1940 में नागपुर गए थे, लेकिन डॉ. हेडगेवार की तबीयत गंभीर होने के कारण बहुत अधिक बात नहीं हो पाई थी। उन्हीं यादों को संजोकर 23 जनवरी को शहीद मीनार में “नेता जी को लौह प्रणाम” कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसके जरिए स्वयंसेवक नेताजी की जीवनी और देशभक्ति से शारीरिक और बौद्धिक प्रेरणा लेंगे।
नंदी ने बताया कि 19 जनवरी को डॉ. भागवत शहर की कुछ प्रमुख हस्तियों और संघ के अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान डॉ. भागवत 22 जनवरी तक समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों और संगठन के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर शहीद मिनार मैदान में बड़ा कार्यक्रम होगा जिसमें हजारों की संख्या में स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित होंगे। रॉय ने बताया कि कार्यक्रम के मद्देनजर एक महीने में 10 हजार से अधिक गणवेश संघ कार्यालय केशव भवन से बिक्री हुआ है।