NewsSamvad : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष का पार्थिव शरीर उनके पानीपत के आवास पर लाया गया है। आज उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके अंतिम दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। पिता लालचंद, मां कमला, पत्नी ज्योति और तीनों बहनों अंजू, सुमन और ममता का रो-रोकर बुरा हाल रहा।
परिजनों के चेहरे पर जहां बेटे को खोने का गम था, वहीं देश के लिए शहीद होने पर गर्व का एहसास भी नजर आया। इससे पहले शहीद मेजर आशीष धौंचक के सेक्टर-7 स्थित किराए के मकान में गुरुवार की सुबह से ही शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। इस दौरान पूरा मकान महिलाओं और पुरुषों से भर गया।
मेजर आशीष की शहादत की जानकारी लगने पर कोई भी अपने आंसू रोक नहीं पाया। पानीपत शहर विधायक प्रमोद विज, मेयर अवनीत कौर, एसडीएम मनदीप सिंह, तहसीलदार वीरेंद्र गिल ने पहुंचकर परिवार को ढांढस बधाया। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू के छोटे भाई मेजर सतपाल सिंह संधू और उनके चचेरे भाई प्रवीण संधू परिवार सहित पहुंचे। बताया जा रहा है कि आशीष की पत्नी ज्योति पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की नजदीकी रिश्तेदारी से है।
परिवार के लोग वीरवार की शाम तक पार्थिव शरीर पानीपत पहुंचने की आस लगाए हुए थे, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। मेजर सतपाल सिंह संधू ने सेना के अधिकारियों से भी इस विषय में बात की।
उन्होंने उनके पिता लालचंद और चचेरे भाई मेजर विकास से बातचीत की और उनको ढांढस बंधाया। उन्होंने इसके बाद परिवार के बाकी सदस्यों से बातचीत की। पिता लालचंद पूरे दिन लोगों से घिरे बैठे रहे। दोपहर बाद बाहर निकले तो हर नजर उनकी तरफ थी।
वे बोले कि सब कुछ होकर भी कुछ नहीं दिखाई देता। उन्होंने कहा कि चार दिन पहले ही बेटे आशीष से बात हुई थी। उसने अधिकतर समय मकान के काम के बारे में में ही बातचीत की। वैसे तो अक्सर बात होती थी, लेकिन उस दिन उनकी बातों को सुनने का भी मन कर रहा था। मुझे नहीं पता था कि अनहोनी यह दिन दिखा देगी।
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