नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लगातार तीसरी बार पटपड़गंज सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं भाजपा ने रविंदर सिंह नेगी, कांग्रेस ने लक्ष्मण रावत और बसपा ने राकेश को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर विभिन्न दलों एवं निर्दलीयों को मिलाकर कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वर्ष 1993 में विधानसभा बनने के बाद से अब तक यह देखा गया है कि पटपड़गंज सीट से जो दल विजयी हुआ, उसी की सरकार बनी। वर्ष 1993 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विजयी हुआ और मदनलाल खुराना की सरकार बनी थी। वर्ष 1998, 2003 एवं 2008 के चुनावों में इस सीट से लगातार कांग्रेस जीती और तीनों बार कांग्रेस की शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। वहीं 2013 और 2015 के चुनाव में आप उम्मीदवार सिसोदिया जीते और आप की सरकार बनी।
पूर्वी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पटपड़गंज क्षेत्र में कुल 2,31,310 मतदाता हैं। इसमें 1,28,224 पुरुष और 1,03,081 महिला मतदाता हैं, वहीं थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या पांच है। करीब आठ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी सात सीटें जीतीं। लोकसभा चुनाव के इन नतीजों का यदि विधानसभावार आकलन करें तो सभी 70 विधानसभा सीटों में से 65 पर भाजपा पहले नंबर पर रही, जबकि बाकी पांच सीटों पर कांग्रेस। पूर्वी दिल्ली लोकसभा से भाजपा के गौतम गंभीर सांसद हैं।
पिछले छह विधानसभा चुनावों का हाल
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने 28 हजार से अधिक मतों से भाजपा के विनोद कुमार बिन्नी को हराया था। सिसोदिया को 75,243 और बिन्नी को 46,452 वोट मिले थे। बिन्नी 2013 से 2014 तक आप के सक्रिय कार्यकर्ता थे। बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। इस सीट पर कुल 2.14 लाख मतदाताओं ने सात उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया था। कुल 65.43 प्रतिशत मतदान हुआ था। आप को 53.64, भाजपा को 32.12 और कांग्रेस को 11.53 प्रतिशत मत मिले थे।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया ने भाजपा के नकुल भारद्वाज को हराकर विधानसभा में दस्तक दी थी। सिसोदिया को 50,211 और भारद्वाज को 38,735 मत मिले थे। इस चुनाव में कुल 1.89 लाख मतदाताओं ने 11 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया था। कुल 63.91 प्रतिशत मतदान हुआ था। आप को 41.53, भाजपा को 32.04 और कांग्रेस को 23.21 प्रतिशत मत मिले थे।
वर्ष 2008 के चुनाव में कांग्रेस ने अनिल कुमार को मैदान में उतरा। कुमार ने भाजपा उम्मीदवार नकुल भारद्वाज को करीब 600 मतों से हराया था। कुमार को 36,999 और भारद्वाज को 36,336 मत मिले। इस सीट पर 10 उम्मीदवार मैदान में थे। कुल 54.5 प्रतिशत मतदान हुआ। कांग्रेस को 42.40 और भाजपा को 41.64 प्रतिशत मत मिले थे।
वर्ष 2003 में अमरीश सिंह गौतम पटपड़गंज सीट से दूसरी बार जीते। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार जियान चंद को करीब 18 हजार मतों से हराया था। सिंह को 36,930 और जियान चंद को 18,932 मत मिले थे। कांग्रेस को 53.37 फीसदी और भाजपा को 27.36 प्रतिशत मत मिले थे। इस सीट पर कुल 1,46,313 मतदाता थे और आठ उम्मीदवार मैदान में थे। कुल 47.29 प्रतिशत मतदान हुआ था।
वर्ष 1998 के चुनाव में भाजपा ने ज्ञान चंद की जगह गंगा राम पर दांव लगाया। हालांकि कांग्रेस ने अमरीश सिंह गौतम को ही टिकट दिया। गौतम को 33,351 और गंगा राम को 17,030 मत मिले थे। कांग्रेस को 58.60 और भाजपा को 29.65 प्रतिशत मिले। इस सीट पर 1.24 लाख मतदाताओं ने 12 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया था। कुल 44.98 प्रतिशत मतदान हुआ था।
वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में पटपड़गंज सीट पर भाजपा उम्मीदवार ज्ञान चंद ने कांग्रेस उम्मीदवार अमरीश सिंह गौतम को करीब तीन हजार मतों के अंतर से हराया था। ज्ञान चंद को 17,020 और गौतम को 14,873 मत मिले थे। भाजपा को 35.69 और कांग्रेस को 31.18 फीसदी मत मिले थे। उस समय इस सीट पर 87,085 मतदाता औऱ मैदान में नौ उम्मीदवार थे। कुल 55.88 प्रतिशत मतदान हुआ था।
ये हैं प्रमुख मुद्दे
– साफ पानी की आपूर्ति और वाहन पार्किंग। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार धरना प्रदर्शन भी किये हैं।
– गलियों में आवारा कुत्ते और बंदरों से स्थानीय लोग परेशान हैं।
– स्ट्रीट क्राइम भी बड़ी समस्या है।
– गांव और फ्लैट की मिश्रित आबादी वाले इस इलाके में कुछ कच्ची कॉलोनियां भी हैं।
– कच्ची कॉलोनियों में टूटी हुई सड़कों के चलते लोग परेशान हैं।
अभी तक ये जीते
2015 – मनीष सिसोदिया (आप)
2013 – मनीष सिसोदिया (आप)
2008 – अनिल कुमार (कांग्रेस)
2003 – अमरीश सिंह गौतम (कांग्रेस)
1998 – अमरीश सिंह गौतम (कांग्रेस)
1993 – ज्ञानचंद (भाजपा)।
सातवां चुनाव
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वर्ष 1993 में विधानसभा बनने के बाद से यह सातवां चुनाव है। विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए एक चरण में आठ फरवरी को मतदान होगा। मतों की गणना 11 फरवरी को होगी। छठी विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी 2020 तक है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली की आबादी 1.67 करोड़ थी, जोकि अब 2.01 करोड़ के करीब पहुंच चुकी है। चुनाव आयोग के अनुसार दिल्ली में 1.47 करोड़ मतदाता हैं। इसमें पुरुष 80.55 लाख और महिला मतदाताओं की संख्या 66.35 लाख है। जबकि, थर्ड जेंडर के 815 मतदाता हैं। विधानसभा चुनाव के लिए इस बार कुल 13,750 मतदान केंद्र बनाये गए हैं, जबकि वर्ष 2015 में यह संख्या 11,763 थी।