पटना। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी 2015 की ही तरह 2020 में भी दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव मैदान में होंगे। इस बार उन्होंने एक सीट में बदलाव कर दिया है। वे मखदुमपुर की बजाय इस बार सिकंदरा से जोर-आजमाइश करेंगे। इमामगंज जहां से वे पिछली बार जीत कर विधानसभा पहुंचे थे, वहां से तो वे मैदान में रहेंगे ही।कुल सात सीटों में से दो पर खुद और दो पर रिश्तेदारों के चुनाव लड़ने की खबर पर आज हम कार्यालय के आगे टिकट दावेदारों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया।
हम को जदयू कोटे से मिली सात सीटें
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को जदयू के कोटे से सात सीटें मिली हैं। मखदुमपुर, बाराचट्टी, टेकारी, कुटुंबा, कस्बा, मखदुमपुर, इमामगंज और सिकंदरा। इसके अलावा विधान परिषद की एक सीट भी मांझी को जदयू की ओर से दी गई है।
2015 के चुनाव में मांझी इमामगंज के साथ ही मखदुमपुर से चुनाव मैदान में थे। जहां उन्हें राजद उम्मीदवार सूबेदार सिंह के हाथों पराजित होना पड़ा था। मखदुमपुर के उलट इमामगंज में कड़ी टक्कर के बीच उन्होंने जदयू के प्रत्याशी रहे उदय नारायण को मात दे थी। मांझी अपनी पार्टी से एकमात्र विधायक थे, जो विधानसभा तक पहुंचे थे।
मखदुमपुर और बाराचट्टी से रिश्तेदार आजमाएंगे किस्मत
मखदुमपुर से पराजित मांझी ने इस चुनाव इस सीट पर अपने दामाद को भेजने का फैसला किया है। मखदुमपुर के अलावा बाराचट्टी से मांझी की रिश्तेदार ज्योति देवी, कुटुंबा से अजय भुइंया, टेकारी से पूर्व मंत्री डॉ. अनिल कुमार और कस्बा से राजेंद्र यादव पार्टी प्रत्याशी बनाए गए हैं। मांझी खुद दो सीट से चुनाव लड़ेंगे।
हालांकि, अभी तक आधिकारिक रूप से मांझी की पार्टी ने सीट और प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि जदयू का फैसला आते ही मांझी पार्टी की लड़ी जाने वाली सीटें और प्रत्याशियों का एलान कर देंगे।