बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने बड़ा दांव चला है. नीतीश कैबिनेट ने नियोजित शिक्षकों की सैलरी बढ़ाने का फैसला लिया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ये निर्णय लिया गया. नियोजित शिक्षकों के वेतन में 22 फीसदी का इजाफा किया गया है.
नियोजित शिक्षकों को 1 अप्रैल 2021 से बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा. इस फैसले के बाद सरकार के खजाने पर 2765 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. कैबिनेट में नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली पर भी मुहर लगा दी गई.
नई सेवा शर्त नियमावली के लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन और स्थानांतरण जैसी सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा. माना जा रहा है कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर नई सेवा शर्त नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. बिहार कैबिनेट के इस फैसले के बाद तकरीबन 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को इसका फायदा मिलेगा.
बता दें कि 15 अगस्त को गांधी मैदान में अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि नियोजित शिक्षकों के लिए नई सेवा शर्त नियमावली जल्द लागू की जाएगी. बिहार के नियोजित शिक्षक पिछले कई वर्षों से नई सेवा शर्त नियमावली के लागू होने की मांग कर रहे थे.
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नियोजित शिक्षकों की पुरानी मांग को मान कर नीतीश कुमार ने बड़ा चुनावी दांव खेला है. माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद नीतीश कुमार को चुनाव में इसका बड़ा फायदा मिल सकता है.
तीन दिन में जारी होगी गाइडलाइन
बता दें कि कोरोना संकट के बीच बिहार में अगले कुछ महीने के अंदर विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव आयोग बिहार चुनाव के लिए अगले 3 दिन के अंदर गाइडलाइन तैयार कर देगा. चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि विधानसभा चुनाव प्रचार को लेकर आगामी तीन दिनों में विस्तृत और व्यापक गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी.