नई दिल्ली। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Last lunar eclipse of 2021) दिवाली के बाद 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को लगेगा. दिवाली 4 नवंबर दिन गुरुवार को हो. हालांकि दिवाली के बाद इस चंद्र ग्रहण लगने में दो सप्ताह का समय है, लेकिन इस दौरान कुछ जातकों को सतर्क रहने की सलाह भी दी गई है. ज्योतिष के अनुसार, यह चंद्रग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा. इससे वृषभ राशि सबसे अधिक प्रभावित होगी. हालांकि ये आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत के असम और अरुणाचल प्रदेश में ही कुछ समय के लिए दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण का भारत में समय
भारत में साल 2021 का अंतिम चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को लगेगा. भारत में यह चंद्र ग्रहण सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो शाम 05:33 मिनट पर खत्म होगा. हालांंकि भारत में ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा, लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. सूतक काल में खाने-पकाने, पूजा-पाठ से परहेज करना चाहिए. इस दौरान भगवान का ध्यान करें. ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें. इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. चंद्र ग्रहण के दौरान शिव आराधना करने से लाभ मिलता है.
इस राशि के जातक रहें सावधान
ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि यह चंद्रग्रहण वृष राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा. इसलिए वृषभ राशि वालों के लिए यह चंद्र ग्रहण ठीक नहीं रहेगा. इस राशि के जातकों को किसी से वाद-विवाद और फिजूल खर्चों से बचने की सलाह दी जाती है. यदि संभव हो सके, तो इस अवधि के दौरान वृष राशि के जातक एकांत में रहकर प्रभु का ध्यान करें. ऐसा करने से मन शांत रहेगा और ये कठिन समय आसानी से गुजर भी जाएगा.
क्या होता है उपछाया ग्रहण
चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है. जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर निकल आता है तो उसे उपछाया ग्रहण कहते हैं. चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे पूर्ण रूप से चंद्र ग्रहण माना जाता है. उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है. ज्योतिष में भी उपछाया को ग्रहण का दर्जा नहीं दिया गया है.