उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शख्स ने पत्नी की मौत के बाद अपनी पुत्रवधू के साथ शादी कर ली.
दरअसल, बदायूं जिले के कस्बा बिसौली के गांव दबतरा के रहने वाले 45 साल के देवानंद की पत्नी की 2015 में मौत हो गई थी. उस समय देवानंद की उम्र करीब 39 साल थी. देवानंद को उसके परिजनों ने सुझाव दिया कि वो दूसरी शादी कर अपना घर बसा ले, लेकिन देवानंद ने उस समय अपने 15 वर्षीय बेटे सुमित की शादी का फैसला लिया और वर्ष 2016 में सुमित की शादी करा दी.
शादी के छह महीने बाद सुमित और उसकी पत्नी के बीच मनमुटाव रहने लगा, जिसकी वजह से दोनों में दूरियां आ गई. इस बीच सुमित की पत्नी की अपने ससुर से नजदीकियां बढ़ गईं. पिता देवानंद ने 2017 में ऐसा कदम उठाया, जिसने सुमित की पूरी दुनिया ही उलट-पुलट कर दी. देवानंद ने सुमित की पत्नी से कोर्ट मैरिज कर ली और दोनों संभल जिले में जाकर रहने लगे. हालांकि इस दौरान देवानंद अपने बेटों की जिम्मेदारी उठा रहा था. सुमित को शराब और जुए की ऐसी लत थी और रुपये की ये जरूरत उसके पिता से ही पूरी होती थी, लेकिन कुछ दिन बाद देवानंद ने अपने बेटे को पैसे देना बंद कर दिए.
इसके बाद सुमित ने वकील के कहने पर देवानंद के वेतन संबंधी जानकारी RTI के जरिए मांगी. इसके अलावा एक प्रार्थना पत्र बिसौली कोतवाली में भी लगाया, जिसमें उसने अपनी पत्नी के कहीं चले जाने और उसको ढूढंने का निवेदन पुलिस से किया था. इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने देवानंद और उसके बेटे सुमित को थाने में बुलाया. थाने में सुमित अपनी परवरिश और खर्चे की मांग करने लगा. इस दौरान बाप बेटे में जमकर विवाद भी हुई.
इसके बाद पंचायत हुई, जिसमें सुमित की पत्नी ने अपने ससुर के साथ ही रहने के लिए कहा. उसने बताया कि ससुर ही उसके पति हैं. ससुर से उसने कोर्ट मैरिज कर ली है. बता दे कि विवाह के समय सुमित बालिग नहीं था, सुमित का बाल विवाह हुआ था. इसलिए सुमित शादी का कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाया.
महिला ने इस बात से इनकार नहीं किया कि उसकी शादी सुमित से नहीं हुई थी. सुमित को केवल पिता से खर्चे के लिए रुपये चाहिए.