नई दिल्ली। क्या आपने सॉन्ग ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता…’ सुना है? जाहिर है सुना ही होगा, क्योंकि ये वो सॉन्ग जिसे देश का बच्चा-बच्चा सुन चुका है और बहुत सारे स्कूलों की तो ये प्रार्थना भी है.
साल 1986 में एक फिल्म आई थी जिसका नाम था ‘अंकुश’. सामाजिक मुद्दे पर बनी इस मल्टीस्टारर फिल्म को दर्शकों का काफी प्यार मिला था. लेकिन इसी फिल्म में एक सॉन्ग ऐसा था जिसने लोगों के दिलों में ऐसी जगह बनाई कि 30 सालों के बाद भी ये सॉन्ग कहीं प्रार्थना बनकर स्कूलों में गाया जाता है तो कहीं मन को शांत करने के लिए गुनगुनाया जाता है. इस सॉन्ग का नाम है ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता…’
इस सॉन्ग में खुद इतनी ज्यादा शक्ति हैं कि मन कितना भी विचलित क्यों ना हो लेकिन इस गाने को सुनने भर से मन पूरी तरह शांत हो जाता है. मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिसकी आवाज को सुनकर दुनिया भर के लोगों के मन को शांति मिलती है वो खुद आज पैसे की कमी से अशांत जीवन जीने पर विवश है.हम बात कर रहे हैं इस सॉन्ग को गाने वाली सिंगर पुष्पा पगधरे की.
कंगाली का जीवन जीने को मजबूर सिंगर
पुष्पा पगधरे इस वक्त कंगाली का जीवन जीने पर विवश हैं. पुष्पा पिछले कई सालों से आर्थिक तंगी का शिकार हैं. 80 साल की सिंगर पुष्पा को राज्य सरकार की तरफ से 3,150 रुपए मिलते हैं जिसके लिए भी उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. पुष्पा इन दिनों मुंबई के माहिम में मच्छीमार कॉलोनी में किराए के घर में रहती हैं.
सरकार से भी नहीं मिली मदद
अपनी आपबीती सुनाते हुए पुष्पा पगधरे कहती हैं- ‘मेरे कुछ रिश्तेदार हैं जो जरूरत पड़ने पर मेरी मदद कर देते हैं. मुझे अपने गाने के लिए रॉयल्टी भी नहीं मिलती. मैं पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर हूं और सरकार से भी कोई मदद नहीं मिलती. सरकार को हम जैसे कलाकारों पर ध्यान देना चाहिए जो गरीबी में अकेले जिंदगी गुजार रहे हैं’.
32 सालों के बाद भी नहीं मिला घर
पुष्पा ने साल 1989 में सरकार से एक घर दिए जाने की मांग की थी. मगर 32 सालों के बाद भी ये मांग पूरी नहीं की गई है.
पुष्पा कहती हैं कि ,’’मैंने मोहम्मद रफी के साथ अगा पोरी संभाल दरयाला तूफान आलय गाया था, जो बेहद पॉपुलर हुआ था. मुझे इस गाने के लिए तब तक रॉयल्टी मिली जब तक एचएमवी म्यूजिक लेबल था. लेकिन इस कंपनी के बंद होते ही मुझे पैसे मिलने बंद हो गए. मुझे कल्चरल डिपार्टमेंट से 3150 रुपये मिलते हैं, लेकिन वो भी कभी समय पर नहीं मिलते. कम से कम मुझे रॉयल्टी तो मिलनी ही चाहिए जिससे मैं अपना ख्याल रख सकूं’’.