कानपुर। जनपद के मेस्टन रोड स्थित श्री ब्रह्मावर्त सनातन धर्म महामण्डल (स्थापित 1910) के जीर्णाेद्धार के बाद नव निर्मित श्री सनातन धर्म भवन का लोकार्पण रविवार को अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सुरेश भैया जी जोशी द्वारा किया गया।
उन्होंने अपने प्रेरणादायी एवं ओजस्वी वक्तव्य में सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में केवल दिखना और वास्तविकता में होेने में अन्तर है। समाज में होना अलग बात है। संस्था जैसे सशक्त बीज को पनपने के लिए पोषण वाली भूमि की आवश्यकता होती है, जो महामण्डल को कानपुर में मिली। सामूहिकता, परस्पर पारदर्शिता, अहम्शून्यता, निष्ठा एवं समर्पण किसी भी संस्था को चलाने के आधारस्तम्भ हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि भारत का परम्सौभाग्य है जो श्री ब्रह्मावर्त सनातन धर्म महामण्डल जैसी संस्थाएं निरन्तर क्रियाशील रहते हुए भारत का गौरव बढ़ा रही हैं। भारत मृत्युंजय है और हमसब अमृतपुत्र। बहुत अल्पसमय में आज विश्व भारत की बात सुनने को तैयार हुआ है और हर ओर भारत की ही बात हो रही है। हम भारतीयों के रक्त में धार्मिकता है। हमारे यहां धर्म कर्तव्य से जुड़ा है। आज हम सबको राष्ट्रधर्म एवं समाजधर्म समझना एवं समझाना है क्योंकि कर्तव्यमूल्यों पर चलने वाला समाज हमारी पहचान है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महामण्डल के सभापति एवं क्षेत्र संघचालक वीरेन्द्रजीत सिंह ने कहा कि संघ एवं महामण्डल दोनों ही सांस्कृतिक नींव का नवनिर्माण कर रहे हैं। दोनों का उद्देश्य एक है बस बात एवं कार्यशैली का अन्तर है। भैया जी के द्वारा इस भवन का उद्घाटन दिव्य, ऐतिहासिक एवं सौभाग्यशाली है।
वीरेन्द्रजीत सिंह एवं सुश्री रेनू द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह एवं शाल भेंट की गई। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन श्री योगेन्द्रनाथ भार्गव जी ने किया। महामण्डल की संक्षिप्त आख्या महामंत्री सुरेन्द्र कक्कड़ द्वारा पढ़ी गई। अतिथियों का परिचय एवं स्वागत श्री हरिभाऊ खाण्डेकर ने कराया। पधारे समस्त महानुभावों के प्रति आभार कमल किशोर गुप्त ने व्यक्त किया।
कु0 विद्या तिवारी द्वारा प्रस्तुत प्रेरणाप्रद गीत जिस दिन सोया राष्ट्र जगेगा….. ने सभा में उत्साह का संचार किया। विद्यालय की छात्राओं द्वारा सुमधुर वन्दे मातरम् गायन द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ।
समरोह में विशेष रूप से प्रांत प्रचारक श्रीराम जी, पं0 रमाकान्त मिश्र, आदित्य शंकर बाजपेयी, नन्दिता सिंह, भवानी भीख तिवारी, बालकृष्ण लाहोटी, श्याम अरोड़ा, सरस्वती अग्रवाल, नीतू सिंह, डॉ. जगन्नाथ गुप्त, डॉ0 विपिन चन्द्र कौशिक, सिद्धनाथ गुप्त, राकेश तिवारी, बृजमोहन कु0 सिंह, मंजू शुक्ला, सुमन चन्दोला, डॉ. गिरीश मिश्रा, रामकुमार लोहिया, मूलचन्द्र सेठ, प्रकाश बाजपेयी, सुधा सिंह, एम.डी. द्विवेदी आदि महानुभाव उपस्थित रहें।