लखनऊ। प्रयागराज और कानपुर में एक तरफ पत्थरबाजों की अवैध संपत्तियों पर योगी सरकार ने बुल्डोजर चलाया तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के पेट में दर्द शुरु हो गया है। अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर रविवार को ट्वीट भी किया।
सपा मुखिया के जवाब में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पलटवार करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को पत्थरबाजों और आतंकियों में हमेशा से ही शांतिदूत नजर आते हैं। वाराणसी, अयोध्या और लखनऊ में भी कुछ साल पहले जब आतंकियों ने बम ब्लास्ट कर कई बेगुनाहों की जान ली थी तब उन कथित शांति दूतों की पैरवी के लिए सपा हाईकोर्ट तक चली गई थी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी बमकांड का आरोपी जिसे हाल में सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई वह भी सपा के लिए शांति दूत ही था। तभी तो उसकी पैरवी के लिए हाईकोर्ट तक गए थे। आपको तो हाईकोर्ट की वह तल्ख टिप्पणी याद नहीं होगी या याद नहीं करना चाहेंगे। कोर्ट ने कहा था कि आज आप जिनकी पैरवी कर रहे कल क्या उनको पद्मभूषण से नवाजेंगे ? श्री पाठक ने कहा कि उस समय भी सपा की फजीहत हुई थी और आज भी हो रही है पत्थरबाजों के सपोर्ट के लिए।
ब्रजेश पाठक ने ने कहा कि जिन लोगों ने अपने कार्यकाल में सिर्फ दंगा और दंगाईयों का समर्थन किया हो वो आज इंसाफ की बात करते हैं। हमारी सरकार में दंगाईयों के लिए कोई जगह नहीं है। योगी सरकार अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम कर रही है और ऐसे पत्थरबाजों को किसी भी हालत में बख्शेगी नहीं। पूरे प्रदेश को पता है समाजवादी पार्टी हमेशा से इन दंगाईयों की रहनुमा ही रही है। तुष्टीकरण की इसी राष्ट्रघाती राजनीति के कारण हाल के वर्षों में पंचायत से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव में सपा को मुंह की खानी पड़ी है। अखिलेश जी योगी सरकार जो कर रही है वह कानून के मुकम्मल बुनियादी पर कर रही है। चूंकि आपके राजनीति की बुनियाद ही तुष्टीकरण है लिहाजा आपको कुछ दिखेगा ही नहीं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कोई पहली बार नहीं है जब अखिलेश यादव ने दंगाईयों और पत्थरबाजों की पैरवी की हो, जब जब योगी सरकार का बुलडोजर इन अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर गरजता है तो अखिलेश इनके समर्थन में आ जाते हैं, क्योंकि इनका वोट बैंक यही लोग रहे हैं, अगर ये इनके समर्थन में नहीं उतरेंगे तो इनकी राजनीति कैसे चमकेगी। अब तो लोग भी कहने लगे हैं कि ’सपा का हाथ पत्थरबाजों के साथ।’