Ranchi : तत्कालीन रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों अमर कुमार बाउरी, रणधीर सिंह, डॉ नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच नहीं होगी। झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल PIL को आज यानी सोमवार को डिसमिस कर दिय गया है। बता दें कि साल 2020 में पंकज कुमार यादव ने पांच मंत्रियों की आय से अधिक संपत्ति को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि 2014 के चुनाव के वक्त अमर बाउरी ने 7.33 लाख की संपत्ति का ब्यौरा दिया था। यह संपत्ति 2019 में 89.41 लाख दिखाई गयी। रणधीर सिंह ने 2014 में 88.92 लाख की संपत्ति दिखाई थी जो 2019 में 5.06 करोड़ हो गई। डॉ नीरा यादव ने 2014 में 80.59 लाख संपत्ति का ब्यौरा दिया था। उनकी संपत्ति 2019 में 3.65 करोड़ हो गई थी। लुईस मरांडी के पास साल 2014 में 2.25 करोड़ की संपत्ति थी जो 2019 में 9.06 करोड़ हो गई। वहीं नीलकंठ सिंह मुंडा के पास 2014 में 1.46 करोड़ की संपत्ति 2019 में 4.35 करोड़ हो गई थी। याचिकाकर्ता ने 2014 से 2019 के बीच 100 से 1100 प्रतिशत संपत्ति में इजाफे पर सवाल उठाया था।

इस मामले में हेमंत सरकार ने एसीबी को पांचों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच की स्वीकृति दे दी थी। हेमंत सरकार ने इससे पूर्व गोपनीय सत्यापन रिपोर्ट का आदेश दिया था। जानकारी के मुताबिक प्रारंभिक जांच में एसीबी ने इस बात का जिक्र किया था कि सभी पांचों पूर्व मंत्रियों की संपत्ति में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। इसी आधार पर एसीबी ने सभी के खिलाफ अलग-अलग पीई दर्ज की थी। सभी पीई की जांच की जिम्मेदारी पांच डीएसपी को सौंपी गई थी।
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