लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहतर कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की चर्चा दूसरे राज्यों में भी खूब हो रही है। बुल्डोजर तो इस कदर सबके सिर चढ़कर बोल रहा है कि दूसरी सरकारों ने भी अपराधियों के खिलाफ इसे सबसे बड़ा अस्त्र के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। प्रदेश की जनता से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक योगी के सुशासन के कायल हैं। योगी की यही ताकत अब विपक्षी दलों को परेशान कर रही है। विपक्ष के पास योगी की कोई काट नहीं है। ऐसे में विपक्ष सत्ता पक्ष भाजपा को घेरने के बजाए आपस में ही लड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव हराने से हताश विपक्षी पार्टियां एक दूसरे पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ने में व्यस्त हैं। समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस जैसे दल एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता में लाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर यूपी की सत्ता पर काबिज योगी सरकार अपने 2024 के अगले लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाने लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनका पूरा मंत्रिमंडल जनता के द्वार पहुंच रहा है। सरकार में जनता के हितों का ध्यान रखते हुए तमाम फैसले लिए जा रहे हैं। जबकि प्रमुख विपक्षी दलों के नेता जनता के बीच जाने के बजाए आपस में ही झगड़ रहे हैं। जानकारों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ एक ऐसा चेहरा बन गये हैं जिससे लड़ने के लिए विपक्ष को साहस की जरूरत होगी।
यूपी के राजनीतिक घटनाक्रम को देखे तो पाएंगे कि राहुल गांधी ने मायावती पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमने तो उनसे गठबंधन की बात करते हुए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का ऑफर दिया था, पर उन्होंने बात तक नहीं की। राहुल ने आरोप लगाया कि सीबीआई, ईडी की वजह से भाजपा को चुनाव में मायावती ने खुला रास्ता मुहैया कराया। राहुल गांधी के इस बयान के बाद मायावती ने भी राहुल को कठघरे में खड़ा किया और कहा कि वह पहले अपने गिरेबान में झांकें। यह पूरी तरह तथ्यहीन है। इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच समाजवादी पार्टी में सपा मुखिया अखिलेश यादव की वर्किंग से खफा होकर शिवपाल सिंह यादव, पार्टी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और सीतापुर जेल में बंद आजम खान ने पार्टी में सब कुछ ठीक न होने का संदेश दे दिया। सपा नेताओं का यह आपसी संघर्ष अभी सामने आया ही था कि बसपा मुखिया मायावती ने भी अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम-यादव का वोट और विभिन्न दलों के साथ गठबंधन के बावजूद सपा सत्ता में नहीं आ पाई। इसलिए सपा यह सपना देखना छोड़ दे।
उत्तराखण्ड दौरे से वापस आकर राम नगरी पहुंचे योगी
एक तरफ विपक्षी दलों में सिर फुटव्वल मची है। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कार्य कर रहे हैं। लक्ष्य के अनुरूप वह हर दिन आगे बढ़ रहे हैं। वह अपने तीन दिवसीय उत्तराखण्ड दौरे से वापस आकर राम नगरी अयोध्या पहुंच गये हैं। उत्तराखण्ड में योगी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। दोनों राज्यों के बीच दो दशक से चले आ रहे सम्पत्ति विवाद को समाप्त कर विकास के प्रति अपनी सोच को दर्शाने का कार्य किया है। इस दौरान वह अपने पैत्रिक गांव गये। उन्होंने सबसे मुलाकात की। उत्तराखण्ड से वापस आकर शुक्रवार को अयोध्या पहुंच गये हैं। वह दर्शन पूजन के साथ ही अयोध्या के विकास के लिए करीब 19 हजार करोड़ की परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। ऐसे में योगी विपक्ष के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं।