New Delhi: ठंड अपना कहर बरपाना शुरु करती है, वैसे वैसे ब्लडप्रेशर का पारा भी ऊपर की ओर चढ़ने लग जाता है। इस ठंड में भी हाइपरटेंशन के मरीजों को अपना खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। दरअसल ठंड के मौसम में 3 से 4 गुना हाइपरटेंशन के मरीज बढ़ जाते हैं। ऐसे में खासतौर पर परेशानी बुजुर्गों को या उन लोगों को होती है, जो पहले से ही हाई ब्लडप्रेशर के मरीज होते हैं। ठंड के दिनों में मानव शरीर की रक्त धमनियां संकुचित होने लगती हैं, जिसकी वजह से रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है, इस वजह से ब्लडप्रेशर बढऩे लगता है।
हाइपरटेंशन के मुख्य लक्षण
सिरदर्द होना, चक्कर आना, सांस लेने में परेशानी और सीने या सीने के पीछे वाले हिस्से में दर्द का होना। कुछ ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जिनमें मरीजों को ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते। सिर दर्द और चक्कर आना हाइपरटेंशन का सबसे बड़ा लक्षण है। सिर दर्द का कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनमें से 60 प्रतिशत मरीज हाइपरटेंशन के निकलते हैं।
नींद से उठें और जब जाएं नहाने तो रखें ध्यान
हाईब्लड प्रेशर को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि ठंड में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। ठंड के समय कभी भी सोकर उठने पर सीधे बिस्तर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, ताकि शरीर का तापमान संतुलित हो सकें। 20 प्रतिशत लोगों को पैरालिसिस अटैक नहाते वक्त आता है। ठंड में नहाते समय पानी सबसे पहले पैरों पर डालना चाहिए, उसके बाद पूरे शरीर पर पानी डालना चाहिए। रात में कान ढंककर सोना चाहिए। साथ ही खाने-पीने का ध्यान रखना चाहिए, खाने में ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए, खाने और सोने के बीच 3 घंटे का अंतर होना जरूरी होता है।
बदलते तापमान से हाइपरटेंशन का खतरा
चिकित्सकों की मानें तो हाइपरटेंशन के मामले सबसे ज्यादा ठंड में आते हैं। ठंडी हवा के दबाव के कारण व शरीर और बाहरी तापमान में अंतर आने के कारण हाइपरटेंशन की शिकायत इस मौसम में ज्यादा रहती है। मरीजों की संख्या ठंड में 3 से 4 गुना हो जाती है। हाइपरटेंशन ही पैरालिसिस (लकवा) अटैक का सबसे बड़ा कारण होता है। इसलिए चिकित्सक ठंड में मरीजों को और स्वस्थ लोगों को भी अपना विशेष ख्याल रखने की सलाह देते हैं।