गुरुग्राम। विश्व पटल तक अपनी पहचान रखने वाले गुरुग्राम को स्वच्छ रखकर देसी-विदेशियों को अच्छा अहसास कराने के उद्देश्य से विदेशी कंपनी (चीनी कंपनी) इको ग्रीन को शहर की सफाई का ठेका नगर निगम की ओर से दिया गया है। अक्सर कंपनी के काम पर सवाल उठते रहे हैं। पार्षदों ने भी खूब कंपनी का विरोध किया है। अब पार्षद ब्रह्म यादव ने शनिवार को बातचीत में खुलाया किया है कि अगर इको ग्रीन का ठेका रद्द किया गया तो नगर निगम की ओर से कंपनी को 300 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा।
भाजपा के युवा नेता एवं वार्ड-13 के पार्षद ब्रह्म यादव का कहना है कि जो करार निगम ने कंपनी के साथ किया हुआ है, वह एक तरह से गुरुग्राम के साथ धोखा है। इस करार के बारे में ब्रह्म यादव ने बताया कि नगर निगम के एक अधिकारी ने उन्हें यह जानकारी दी है। इस बात से मिलेनियम सिटी गुरुग्राम की जनता वाकिफ नहीं है। पिछले दिनों कंपनी पर खुद सीएम साहब ने 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन जुर्माना लगाने से कंपनी में कोई सुधार नहीं होने वाला।
ब्रह्म यादव ने कहा कि शहर की सफाई के लिए कंपनी को ठेका दिया गया है, अगर वही काम नहीं हो रहा तो फिर कंपनी का यहां बने रहने का कोई हक नहीं है। लेकिन उसको रखना अब मजबूरी बन गई है। अगर इको ग्रीन का ठेका बीच में ही रद्द किया जाता है तो नगर निगम की ओर से इको ग्रीन कंपनी को 300 करोड़ का भुगतान करना होगा।
उन्होंने बताया कि निगम के पूर्व आयुक्त यशपाल यादव को सभी पार्षदों ने एक स्वर में कहा था कि कंपनी का ठेका रद्द किया जाये। तब बात चली थी कि अगर कोई नई कंपनी आती है तो इको ग्रीन को हटा दिया जायेगा। जबकि हकीकत तो यह है कि कंपनी का ठेका रद्द करने की ऐवज हमें नगर निगम ही दिवालिया हो सकता है। कंपनी के साथ ऐसा करार करने का कौन दोषी है, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिये। यह मांग भी पार्षदों की ओर से उठाई गई है।
पार्षद ब्रह्म यादव ने कहा कि इस तरह का करार करके एक तरह से शहर को दांव पर लगाया है। ब्रह्म यादव ने कहा कि चीन हमारे देश में इस तरह से भी लूट का काम कर रहा है। ऐसे-ऐसे करार करके एक तरह से हमें आर्थिक नुकसान देने का प्रयास है। अगर इको ग्रीन का ठेका रद्द किया गया तो हमारे ऊपर यह बहुत बड़ा आर्थिक बोझ होगा, जिसकी भरपाई मुश्किल होगी।
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