लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बने ‘श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट की बुधवार को होने जा रही पहली बैठक पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में होने वाली इस बैठक में ट्रस्ट के सभी सदस्यों के साथ पहुंच गये हैं। ट्रस्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को भी शामिल किया गया है। बैठक में राम मंदिर निर्माण की तारीख पर सदस्यों के बीच विमर्श होगा। इसके साथ ही मंदिर निर्माण की रूपरेखा भी तय की जाएगी। इस दौरान दो नए सदस्यों का चुनाव किया जाएगा।
इसके लिए रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय भी बैठक में शामिल हो रहे हैं। चर्चा है कि इन्हे ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा। बैठक के बाद इसकी घोषणा की जाएगी।
महंत नृत्यगोपाल दास का ट्रस्ट में नाम नहीं होने से नाराज थे संत
दरअसल माना जा रहा था कि अध्यक्ष के रूप में महंत नृत्यगोपाल दास को ही ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया जायेगा, लेकिन उनका नाम न होने के बाद संतों ने इस पर विरोध करना शुरू कर दिया और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। यहां तक कि अपनी रणनीति तय करने के लिए एक बैठक की भी घोषणा कर दी गई।
महंत नृत्यगोपाल दास ने यहां तक कह दिया कि जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया, उनका इस ट्रस्ट में कहीं कोई नामो-निशान तक नहीं है। जो ट्रस्ट बना है, उसमें अयोध्यावासी संत-महंतों की अवहेलना की गई है। महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास ने बयान दिया कि राम मंदिर आंदोलन के समय ही कानून बना था कि वैष्णव ही राम जन्म भूमि का अध्यक्ष होगा। इसके बाद संतों को समझाने की कोशिश की गई। महंत नृत्यगोपाल दास को समझाया गया कि कानूनी अड़चनों के कारण उनका नाम हटाना पड़ा।
ट्रस्ट के चयनित सदस्यों के जरिए आज होंगे शामिल
दरअसल बाबरी विध्वंस मामले में वह सीबीआई जांच में आरोपित हैं। ऐसे में उनके शामिल होने पर इस ट्रस्ट को अगर अदालत में चुनौती मिलती तो राम मंदिर निर्माण में और देरी होना तय था। इसके साथ ही बाबरी विध्वंस के आरोपित के तौर पर केन्द्र सरकार की ओर से उन्हें सीधे ट्रस्ट में शामिल करने पर एक गलत सन्देश भी जाता और मामला फिर सियासी आरोप-प्रत्यारोप में उलझ जाता। ऐसे में बीच का रास्ता निकालते हुए महंत नृत्यगोपाल दास का नाम शामिल नहीं किया गया। इसके बाद संतों की नाराजगी दूर हुई।
अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनने के बाद ही उनको बिना किसी अड़चन के इसमें शामिल किया जा सकता है। दरअसल ट्रस्ट के दो सदस्यों के चयन का अधिकार ट्रस्ट के चयनित सदस्यों को बहुमत के आधार पर दिया गया है। ऐसे में इस रास्ते से महंत नृत्यगोपाल दास व अन्य को शामिल करने पर बाबरी विध्वंस के आपराधिक मुकदमे सम्बन्धी नियम लागू नहीं होगा।
उप्र की नौकरशाही का प्रमुख चेहरा हैं अवनीश अवस्थी
ट्रस्ट में नामित सदस्य के तौर पर शामिल उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की बात करें तो इन दोनों अधिकारियों की कार्यकुशलता को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
अवनीश अवस्थी पहले से ही यूपी की नौकरशाही का प्रमुख चेहरा हैं। शासन स्तर पर सभी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को लेकर सरकार का उन पर भरोसा रहता है। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी होने के साथ-साथ अपनी कार्यशैली के कारण काफी लोकप्रिय भी हैं। अवनीश अवस्थी वाराणसी में बन रहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की भी जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। दोनों ही प्रोजेक्टर शासन की प्राथमिकता में शामिल हैं। 1987 बैच के आईएएस अफसर अवनीश अवस्थी के पास प्रदेश सूचना और गृह विभाग जैसे महत्वपूर्ण दायित्व भी हैं। वह पूर्व में अध्योध्या के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। उनके लम्बे प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अयोध्या में शांति बनाए रखने में जुटे रहे अनुज झा, मिली थी सराहना
इसी तरह अनुज कुमार झा की बात करें तो अयोध्या के जिलाधिकारी के रूप में उनके कार्य को सभी ने सराहा है। विवादित प्रकरण पर जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और पूरी दुनिया की निगाहें रामनगरी की ओर लगी हुई थीं, ऐसे में अनुज झा ने मामले से जुड़े पक्षकारों से व्यक्तिगत मुलाकात से लेकर दोनों पक्षों से शांति बनाये रखने की अपील की। अनुज झा पूरी मेहनत से स्थिति को संभालने में कामयाब हुए और अयोध्या में अमन चैन बरकरार रहा। इसके बाद उनकी आम जनता से लेकर शासन स्तर पर काफी सराहना हुई। अयोध्या में दीपोत्सव के भव्य आयोजन से लेकर जनपद में मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्यों को धरातल पर गति प्रदान करना तथा प्रस्तावित मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन के निर्धारण सहित अन्य कार्यों को उन्होंने बेहतर तरीके से पूरा किया है। अनुज झा पूर्व में सूचना निदेशक भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह बुलंदशहर, महोबा, रायबरेली और कन्नौज के जिलाधिकारी की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
बैठक को लेकर अयोध्या में हलचल हुई तेज
‘श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट की बुधवार को नई दिल्ली में बैठक के बीच रामनगरी में हलचल तेज दिखाई दे रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा का आज जायजा लिया। उनहोंने कनक भवन मंदिर के प्रबंधक अजय कुमार छाव छरिय से सुरक्षा के सभी पहलुओं पर विचार विमर्श किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने ‘हिन्दुस्तान समाचार’ को बताया कि अयोध्या के तीन प्रमुख मंदिरों का प्रतिदिन निरीक्षण किया जा रहा है। पुलिस लगातार सतर्कता बरत रही है। निरीक्षण प्रक्रिया लगातार होने के कारण वह स्वयं सुरक्षा प्वाइंट की जांच पड़ताल करते हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या संवेदनशील जगह है और यहां श्रद्धालुओं को प्रतिदिन दर्शन सुलभता से हो रहे हैं। राम जन्म भूमि का निर्णय आने के बाद अयोध्या की सुरक्षा को और पुख्ता किया गया है।