गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि नवगठित विद्रोही समूह नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनएलएफबी) के सभी सदस्य गुरुवार को हथियार डाल देंगे।
जनवरी 2020 में तीसरे बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद एम बाथा के नेतृत्व में एनडीएफबी के कुछ असंतुष्ट कैडरों के जंगल में लौटने के बाद यह संगठन बनाया गया था। यह ज्यादातर बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) में सक्रिय था।
सरमा ने ट्वीट किया, “सरकार की नीतियों में लोगों का भरोसा आज मुख्यधारा में लौटने के एनएलएफबी के फैसले से झलकता है। मैं उनकी घर वापसी का स्वागत करता हूं।” उन्होंने आगे कहा कि असम सरकार बीटीआर के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और बोडो लोगों की अद्वितीय सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान की रक्षा करेगी।
पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने बताया कि पूरा संगठन आत्मसमर्पण कर देगा।
हालांकि, उन्होंने यह साझा करने से इनकार कर दिया कि चरमपंथी समूह के कितने आतंकवादी अपने हथियार डालेंगे। असम पुलिस के एक सूत्र ने कहा कि एनएलएफबी प्रमुख एम बाथा अन्य कार्यकर्ताओं के साथ आत्मसमर्पण करेंगे।