New Delhi: कृषि कानूनों के खिलाफ करीब एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों की आखिरकार जीत हुई. देव दीपावली व श्री गुरुनानकदेव जी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है. गुरुपर्व के मौके पर पीएम मोदी ने सुबह नौ बजे देश को संबोधित करते हुए यह घोषणा की है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने आंदोलनरत किसानों से घर व खेत वापस लौटने की अपील की है.
पीएम मोदी ने कहा है कि इसी माह के अंत मे संसद के नये सत्र में कानून वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. मोदी ने कहा कि जो किया किसानों के लिए किया, जो कर रहा हूं देश के लिए कर रहा हूं. इन्होंने कहा कि नेक नीयत से कानून को लेकर आए थे. लेकिन कुछ किसानों को इसके फायदे समझा नहीं पाए. कुछ किसान इन कानूनों का लगातार विरोध कर रहे थे, जिसे देखते हुए सरकार ने इसे वापस लेने का फैसला लिया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों इसके फायदे समझाने का लगातार प्रयास किया गया.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने एमएसपी को प्रभावी बनाने के लिए कमेटी गठित करने का भी एलान किया है. पीएम मोदी ने स्पष्ट किया है कि वह किसानों के हित में हमेशा काम करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए क्रॉप पैटर्न को बदलने की दिशा में काम करना होगा.
मोदी ने कहा कि अपने पांच दशक के जीवन में किसानों की चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है जब देश हमें 2014 में प्रधानसेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए, हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया. सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा हमने MSP तो बढ़ाई ही, साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी बनाए.
संसद में वर्ष 2020 में कृषि कानून पारित होने के बाद 26 नवंबर 2020 से दिल्ली बार्डर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में किसान संगठन लगातार विरोध जता रहे हैं. धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. खासकर दिल्ली बार्डर पर किसान लगातार प्रदर्शन पर बैठे थे. इस बीच किसान संगठन व सरकार के बीच कई चरणों में वार्ता हुई थी. किसान संगठन कृषि कानूनों रद करने की लगातार मांग कर रहे थे. मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा है. आज पीएम मोदी ने कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान कर इस गतिरोध को खत्म कर दिया है. हालांकि, किसान संगठनों की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.