पटना | कोरोना के कारण लागू राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान आप घर बैठे भी मुजफ्फरपुर की शाही लीची और भागलपुर के जर्दालू आम का स्वाद चख सकेंगे। इसके लिए बिहार कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय ने बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के इन स्वादिष्ट फलों को आपके घरों तक पहुंचाने की सुविधा शुरू की है।
यह सुविधा लेने के लिए आपको ऑनलाइन ऑर्डर करना होगा, जिसके बाद ये आपके पसंदीदा फल आपके घर पर ही पहुंच जाएंगे।
कृषि विभाग अब बागों में ताजा पके जदार्लू आम और शाही लीची की ‘होम डिलीवरी’ कराएगा। इसके लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। शर्त यह है कि लीची के लिए कम से कम दो और आम के लिए पांच किलोग्राम का ऑर्डर देना होगा।
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि कोरोना संकट काल में लोगों को लीची और आम खरीदने में परेशानी हो रही है, इस कारण लोगों और किसानों के हित में यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा, “फिलहाल यह सुविधा तीन शहरों मुजफ्फरपुर, पटना और भागलपुर के शहरी क्षेत्र में ही प्रभावी होगी। प्रयोग सफल रहा तो अगले मौसम से हर जिले में यह सुविधा दी जाएगी। दोनों फलों को जीआई टैग प्राप्त है।”
उन्होंने बताया कि आम लोग मुजफ्फरपुर की शाही लीची के लिए 25 मई से 15 जून तक तथा भागलपुर के जदार्लू आम के लिए एक जून से 20 जून तक उद्यान निदेशालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।
उद्यान निदेशालय की ओर से शाही लीची एवं जदार्लू आम की ऑनलाइन बिक्री के लिए डाक विभाग के माध्यम से ग्राहक के घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। बंद के कारण लीची की बिक्री को लेकर राज्य बागवानी मिशन, पटना ने डाकघर के साथ करार किया है। कृषि मंत्री ने बताया कि घर तक पहुंचाने में आए खर्च का वहन संबंधित उत्पादक संगठन द्वारा किया जाएगा।
वेबसाइट पर ऑर्डर करने के 24 घंटे के भीतर आपके घरों तक लीची पहुंचा दी जाएगी। होम डिलीवरी के बाद उपभोक्ता डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 25 मई के बाद लीची की बड़े पैमाने पर तुड़ाई शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही होम डिलीवरी के लिए ऑनलाइन ऑर्डर लिए जाने लगेंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि इस वर्ष बंद के काराण बाहर के व्यापारियों या ठेकेदारों के नहीं आने के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन लीची के अन्य प्रदेशों में भेजने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
किसान और कारोबारियों को वाहनों का परमिट जारी किया जा रहा है। उन्होंने बताया, “हमारा मकसद उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराना है। इसके बाद एक जून से जदार्लू आम की भी होम डिलीवरी की तैयारी है।”
राज्य के सबसे बड़े लीची उत्पादक किसान भोलानाथ झा ने कहा कि इस वर्ष लीची के मूल्यों में मामूली वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन बाहरी खरीदारों के नहीं आने के कारण किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाया है। उन्होंने सरकार की इस पहल की सराहना की है, लेकिन लीची के किसानों को और सुविधा एवं राहत देने की अपील भी की है।