लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी 75 जिलों में एक मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना तैयार कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज जल्द ही राज्य के उन 16 जिलों में पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मॉडल पर खोले जाएंगे, जिसमें अब तक कोई कॉलेज नहीं है, जबकि अन्य कॉलेजों को अपग्रेड किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही इस पर एक नई नीति पेश करेगी।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य सरकार जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना चाहती है और सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या में वृद्धि करेगी। सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों का निर्माण गोरखपुर, आगरा और वाराणसी सहित अन्य जिलों में भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि दो महीने पहले मुंबई में कुछ शीर्ष व्यापारियों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के कुल 75 जिलों में से कई में अभी भी मेडिकल कॉलेजों की आवश्यकता है। निवेशकों के लिए पीपीपी मॉडल पर इन मेडिकल कॉलेजों को बनाने का एक अवसर है।
उन्होंने कहा था कि राज्य को सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की जरूरत है और अगर कोई इन अस्पतालों को स्थापित करना चाहता है तो सरकार पूरी मदद करेगी। राज्य सरकार अब उत्तर प्रदेश को चिकित्सा शिक्षा का केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है, जहां न केवल राज्य के लोग बल्कि अन्य देशों के लोग सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।
गोरखपुर और रायबरेली में एम्स की स्थापना पहले से ही राज्य की चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। सरकार ने हर जिले के अस्पतालों में कोविड-19 महामारी जैसी स्थिति से निपटने के लिए लैब स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग केंद्र सरकार से 20 लाख करोड़ रुपये का सहयोग मांगेगा।