मध्य प्रदेश के रतलाम मेडिकल कॉलेज में जावरा की महिला की बुधवार शाम मौत हो गई। प्रशासन ने परिजन काे इसकी सूचना तक नहीं दी। उनकी रिपोर्ट 2 बार निगेटिव आ चुकी थी। फिर भी नगर निगम ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत रतलाम में अंतिम संस्कार किया। परिवार वालों का आरोप है कि उन्हें मां की मौत की सूचना अस्पताल की बजाय कहीं और से मिली। वे सुबह 8 बजे सीधा मुक्तिधाम पहुंचे, जहां 5 घंटे बाद शव लाया गया। महिला के बेटे का आरोप है कि शव वाहन के साथ आए लोगों ने पीपीई किट और ग्लव्ज भी चिता में डाल दिए।
जावरा के रहने वाले राकेश ने बताया कि उनकी मां शांतिबाई लॉकडाउन से पहले बहन से मिलने राजस्थान के प्रतापगढ़ गई थीं। वे 12 मई को लौटी थीं। तब उनके पूरे परिवार को क्वारैंटाइन कर दिया गया। राकेश ने बताया कि मां का सैंपल निगेटिव आया, लेकिन कुछ दिन बाद उन्हें बुखार आया तो अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने उन्हें कोविड संदिग्ध मानते हुए रतलाम रेफर कर दिया। 5 दिन पहले रतलाम मेडिकल कॉलेज में भर्ती करके दूसरी बार सैंपल लिया जो 10 जून को निगेटिव आया।
न मिलने देते थे न ही तबियत के बारे में बताते थे
राकेश का आरोप है कि अस्पताल में उन्हें मां से मिलने नहीं दिया जाता था। वहां के लैंडलाइन नंबर पर फोन लगाने पर भी कोई नहीं बताया कि मां कैसी हैं। डॉक्टर का पूछो तो कहते थे कि वे बिजी हैं। मौत की सूचना भी रिश्तेदारों से मिली। पता किया तो कहा गया कि हां मौत हो गई है। सुबह 9 बजे अंतिम संस्कार के लिए रतलाम के श्मशान आ जाओ। परिजन के साथ 8 बजे ही भक्तन की बावड़ी मुक्तिधाम पहुंच गए।
शव का चेहरा भी नहीं देखने दिया
राकेश ने बताया कि पांच घंटे के इंतजार के बाद दोपहर 1 बजे बाद कर्मचारी शव लेकर आए जो पॉलिथिन में लिपटा था। पूरा परिवार मिन्नतें करता रहा कि उन्हें अंतिम दर्शन कर लेने दें, लेकिन इसकी इजाजत नहीं दी गई। बड़े भाई गोपाल माली के हाथ मुखाग्नि दिलाई और अंतिम संस्कार कर दिया।
प्रोटोकॉल के तहत करवाया अंतिम संस्कार: नोडल अधिकारी
जिले में कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. प्रमोद प्रजापति ने इस मामले में कहा कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी प्रोटोकॉल से ही अंतिम संस्कार किया जाता है। ऐसा सुरक्षा को देखते हुए किया जाता है। शासन के आदेश अनुसार जहां मौत होती है वहीं अंतिम संस्कार करना होता है। इसीलिए रतलाम में ही अंतिम संस्कार किया गया। जावरा में अभी केस भी बढ़ रहे हैं, इसलिए हम सावधानी बरत रहे हैं।