नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में 16 फीसदी मराठा आरक्षण पर जनवरी में विस्तृत सुनवाई करेगा। याचिकाओं में मराठा आरक्षण को सही ठहराने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।
पिछली 12 जुलाई को पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि मराठा आरक्षण को पूर्व प्रभाव के साथ लागू नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि पिछले 28 जून को मराठा आरक्षण पर बांबे हाईकोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार और मराठा क्रांति मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट में केविएट याचिका दायर किया था। याचिका में कहा गया है कि अगर बांबे हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो कोई भी आदेश पारित करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। पिछले 27 जून को बांबे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा लेकिन इसे 16 प्रतिशत से कम कर दिया। बांबे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के 16 प्रतिशत आरक्षण को घटाकर शिक्षा के लिए 12 प्रतिशत और नौकरियों के लिए 13 प्रतिशत करते हुए यह पाया कि अधिक कोटा उचित नहीं था।