गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह जिले में इन दिनों धर्म परिवर्तन (Religion Conversion) का खेल खुलेआम खेला जा रहा है. जिले के देवरी प्रखंड और बेंगाबाद प्रखंड में ईसाई मशीनरी (Christian Community) के द्वारा लोगों को बहला-फुसलाकर, ब्रेनवाश व जोर-जबर्दस्ती कर धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है. बेंगाबाद प्रखंड के हेरला गांव से ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पर आशा देवी नाम की महिला ने हिंदू धर्म (Hindu Religion) को छोड़कर ईसाई धर्म को अपना लिया है और वह महिला अभी गुजरात के सूरत में है. आशा देवी अब ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने लगी है.
वो अभी तक कई लोगों को ईसाई धर्म की ओर ला चुकी है. कई लोगों ईसाई धर्म अपनाने के लिए उनको समझा बुझा रही है. आशा देवी के दामाद दशरथ कुमार जिन्होंने आशा देवी पर हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म में आने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है ने कहा कि पहले ब्रेनवाश करने की कोशिश की गई, समझाया बुझाया गया. दशरथ कुमार द्वारा नहीं मानने पर महिला के द्वारा उन पर दबाव बनाया गया कि ईसाई धर्म में आ जाओ, किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं होंगी.
आप अमीर बन जाओगे, कभी भी तबीयत खराब नहीं होगी इस तरह के दावे करके आशा देवी के द्वारा अपने दामाद पर दबाव बनाया गया, हालांकि दशरथ कुमार ने ईसाई धर्म अपनाने से साफ मना कर दिया. दामाद और सासू मां में इस बात को लेकर बहस भी हुई. यहां तक की दामाद ने ससुराल से किसी भी प्रकार का रिश्ता रखने से इंकार कर दिया. इस मामले को लेकर आशा देवी की सासू मां ललिया देवी ने बताया कि हां हमारी बहू आशा देवी ईसाई धर्म को मान रही है. हम लोगों ने मना किया उसके बावजूद वह ईसाई को अपना चुकी है.
हालांकि उनका कहना है कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद से उन्हें कई तरह के सुख सुविधा मिली है. पैर की बीमारी से मुक्ति मिला है जिसकी वजह से वह ईसाई धर्म छोड़ना नहीं चाहती है. ईसाई धर्म जहां अपनाने से पहले आशा देवी भगवान शंकर की पूजा करती थी लेकिन अब भगवान की पूजा अर्चना करना छोड़ दी है, वो भगवान को जल भी नहीं चढाती.
इसी तरह का मामला देवरी प्रखंड के बेलाटांड से आया है. आज से 40 वर्ष पहले ये आदिवासी बहुल इलाका के नाम से जाना जाता था लेकिन आज यह इलाका ईसाई बहुल इलाका के नाम से जाना जा रहा है, क्योंकि धीरे-धीरे सभी भोले-भाले आदिवासियों को ईसाई मशीनरी के द्वारा बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म में परिवर्तन करवा दिया जा रहा है और भोले भाले लोगों को ब्रेनवाश इस कदर कर दिया जा रहा है कि जो एक बार ईसाई धर्म को अपना लेता है फिर उसी की बोली बोलने लगता है.