नई दिल्ली। जानकारों का कहना है कि वैश्विक तौर पर देखें तो दूसरी लहर में कोरोना वायरस से संक्रमित हुई आबादी की कुल संख्या करीब एक फीसदी है।
हालांकि, ये भी कहना है कि दिल्ली और मुंबई जैसे कई शहरों में लोगों में दूसरी लहर के दौरान संक्रमण का प्रसार इतना अधिक रहा है कि तीसरी लहर में इन राज्यों के लोगों को फिर से संक्रमित होने की संभावना नहीं है।
प्रसिद्ध महामारी वैज्ञानिक डॉ. जयप्रकाश मुलियाल ने कहा, “देश में पाए जाने वाले वायरस स्ट्रेन ने इतने लोगों को संक्रमित कर दिया है कि लोगों में जिस तरह से प्रतिरक्षा आई है, उससे तीसरी लहर असंभव है।”
दूसरी लहर इसलिए आई क्योंकि न केवल वायरस ने अपना रूप बदला, बल्कि लोगों के आचरण भी इसके खिलाफ हो गएं।
दिल्ली जैसे शहरों में एक सामान्य अध्ययन से पता चलता है कि कम से कम 70 प्रतिशत लोग पहले ही संक्रमित हो चुके हैं। ये आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है। ऐसी स्थिति में जब तक ये वायरस पूरी तरह से नया नहीं होगा, तीसरी लहर की संभावना नहीं है।“