रांची। उत्पाद विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में राजस्व संग्रहण 847.47 करोड़ रुपये था, जो कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में बढ़कर 1082.81 करोड़ रुपये हो गया है। इस प्रकार राजस्व संग्रहण में लगभग 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शर्मा बुधवार को सूचना भवन में प्रेस कांफ्रेस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का राजस्व संग्रहण का लक्ष्य 1800 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के जुलाई माह तक 801 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है, जो कि गत वर्ष इसी अवधि में प्राप्त राजस्व 236 करोड़ रुपये की तुलना में तीन गुणा से भी अधिक है।
ई लॉटरी विधि से दुकानों की बंदोबस्ती हुई प्रारंभ
सचिव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए खुदरा उत्पाद दुकानों की बंदोबस्ती प्रथम बार ऑनलाइन विधि से ई-लॉटरी के माध्यम से पूर्णरुपेण निष्पक्ष और पारदर्शी विधि से संपन्न करायी गयी। प्राप्त आवेदनों के प्रथम चरण में 5762 और द्वितीय चरण में 957 आवेदन प्राप्त हुए है।
सचिव ने बताया कि कुल स्वीकृत दुकानों की संख्या 1634 है। इसमें बंदोबस्त दुकानों की सुख्या 1595 है। अबंदोबस्त दुकानों की सुख्या 39 है। बंदोबस्ती का प्रतिशत 97 है। शेष बची अबंदोबस्त खुदरा दुकानों की बंदोबस्ती के लिए प्रकिया जारी है।
ऑनलाइन परमिट की व्यवस्था
सचिव ने कहा कि राज्य के सभी खुदरा उत्पाद दुकानें, होटल, रेस्तरां, बार और क्लब को मदिरा के परिवहन के लिए ऑनलाइन परमिट निर्गत किया जा रहा है।
192 लोगों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल
सचिव ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ जिला के डीसी के पर्यवेक्षण में चलाया जा रहा है। साथ ही विभाग की ओर से अलग-अलग जिलों में टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। 2019 जुलाई तक 3984 केस दर्ज किये गये है। इसमें 192 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इनसे जुर्माना के तौर पर 59 लाख 73 हजार 500 रुपया वसूला गया है।
बोतल में मिलेगा देशी शराब, पाउच की प्रकिया होगी बंद
सचिव ने बताया कि देशी शराब के विनिर्माण के लिए गठित नई नियमावली के तहत राज्य से अनन्य विशेषाधिकार अनुज्ञप्ति की व्यव्सथा को समाप्त कर दिया गया है, ताकी देशी मदिरा के विनिर्माण में पूर्व से चली आ रही एकाधिकार व्यवस्था समाप्त की जा सके। नई नियमावली के तहत कोर्ठ योग्य आवेदक अनुज्ञप्ति प्राप्त कर देशी मदिरा को पेट कांच के बोतलों में निर्माण कर जेएसबीसीएल के डिपो में आपूर्ति कर सकता है। पॉलिथिन में देशी शराब की भराई की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया है। इस नियमावली के तहत आवेदकों को प्लांट स्थापना के लिए लेटर जारी किया गया है। नये प्लांटो की स्थापना से देशी शराब की आपूर्ति में सुधार होगा और रोजगार के नये अवसर सुजित होंगे।
राशन दुकानों में शराब बेचने की अबतक कोई व्यवस्था नहीं
सचिव ने कहा कि राशन दुकानों में शराब बेचने की अबतक कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार की ओर से ऐसी कोई विभाग को कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बड़े मॉल में लाइसेंस दिये जायेंगे। एक अप्रैल से ही यह आदेश जारी हो चुका है। 50 हजार स्क्वायर फीट के मॉल को लाइसेंस उपलब्ध कराया जायेगा। उसमें कम से कम 200 स्क्वायर फीट स्पेश होना चाहिए और आईटी रिर्टन पांच लाख का होना चाहिए।