दुमका। राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने कहा कि झारखंड जनजाति बाहुल्य प्रदेश है। पांचवी अनुसूचि में उनके लिए विशेष प्रावधान है। आजादी के बाद जनजाति की जो उन्नति होनी चाहिए थी, नहीं हो सकी। ईसाई मिशनरी समेत दबंगों ने जनजाति के लोगों की जमीन हड़प ली। इसके लिए भय दिखाया गया। अब समय आ गया है। जिन लोगों ने जमीन हड़पी है, उनसे वापस ली जाएगी। इसके लिए ही उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया है। सांसद बुधवार को परिसदन में एसटी मोर्चा के सदस्यों के साथ बैठक में बोल रहे थे।
समीर ने कहा कि सीएनटी व टीएनसी एक्ट का उल्लंघन कर लोगों ने जनजाति के लोगों की जमीन पर कब्जा किया है। सबसे ज्यादा ईसाई मिशनरियों ने ऐसा किया है। डीसी को आवेदन देकर उनसे जमीन वापस दिलाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि काश्तकारी अधिनियम के प्रावधान की अनदेखी कर ईसाई मिशनरियों ने जनजातीय जमीन का हस्तांतरण कर लिया। जनजाति वर्ग के सदस्य के नाम पर मिशनरियों ने जमीन पर कब्जा कर अधिकार स्थापित कर लिया है। धर्म परिवर्तन करने के बाद जनजातीय वर्ग के सदस्य फादर व ब्रदर बनकर ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। गरीब आदिवासियों को बहला फुसलाकर उनके जमीन लेकर मिशनरी के लोगों ने अकूत संपत्ति जमा कर ली है। इसकी जांच कर जनजातियों की जमीन को वापस दिलाया जाये।
बैठक में सांसद सुनील सोरेन, पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू, बाबूधन मुर्मू, रमेश हांसदा, मोर्चा के जिलाध्यक्ष कालेश्वर मुर्मू, भाजपा जिलाध्यक्ष निवास मंडल व सोनी हेम्ब्रम उपस्थित थे। बैठक के बाद मांगों से संबंधित ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा गया।