रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से गुरुवार को झारखंड मंत्रालय में लोहरदगा (राजाबंगला) निवासी तीरंदाजी (आर्चर) खिलाड़ी दीप्ति कुमारी ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री को उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री के समक्ष तीरंदाजी खिलाड़ी दिप्ती कुमारी ने कहा कि तीरंदाजी खेल में वे नेशनल खिलाड़ी रह चुकी हैं।
सरायकेला खरसावां आर्चरी अकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि मेरी माँ स्वयं सहायता समूह से सात लाख रुपए कर्ज लेकर चार लाख पचास हजार रुपए में धनुष खरीदी, यूएसए खेलने जाने के क्रम में कलकत्ता में उनका धनुष टूट गया और वे यूएसए जाने से वंचित रह गई। दीप्ति कुमारी ने मुख्यमंत्री के समक्ष कहा कि मुझे आशंका है मैं साजिश का शिकार हुई हूँ।
मेरी माँ सदमा से बीमार रहने लगी। कर्ज चुकाने के लिए राँची अरगोड़ा में चाय की दुकान खोली, कुछ दिनों बाद राँची नगर निगम के अतिक्रमण में दुकान उजड़ गई। मैं घर वापस आ गयी और मेरी कोई आय की स्थायी स्रोत नहीं है, माँ बीमार रहती है, इण्टर की डिग्री लेकर मैं मायूस बैठी हूँ। मैं हिम्मत नहीं हारी हूँ, हौसला है, खेलने का सपना है, गोल्ड लाने का भी, एक दिन झारखण्ड का मान जरूर बढ़ाऊंगी देश का परचम दुनिया में लहराउंगी।
मुख्यमंत्री ने दिया हरसंभव मदद का भरोसा
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने तीरंदाजी खिलाड़ी दीप्ति कुमारी की बातों को आत्मीयता से सुना। मुख्यमंत्री ने दीप्ति कुमारी के शैक्षणिक प्रमाण पत्र तथा उनके द्वारा विभिन्न तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में लिए गए हिस्सेदारी और जीते हुए मेडल की सूची भी देखी। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन दीप्ति कुमारी के संघर्ष को सराहा। मुख्यमंत्री ने दीप्ति कुमारी को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें हरसंभव मदद करेगी। इस अवसर पर खेलकूद एवं युवा कार्य मंत्री हफीजुल हसन अंसारी भी उपस्थित थे।