रांची। राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि राज्य में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। यह राज्य के विकास व राजस्व में अहम भूमिका का निर्वाह कर सकता है। प्रकृति ने राज्य को असीम खूबसूरती प्रदान की है। हमें उस पर गौर कर विकसित करने की आवश्यकता है।
राज्यपाल सोमवार को राज भवन में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों की जानकारी ले रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तेजी से पर्यटन के क्षेत्र में विकास होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के विकास की लिये हम सभी को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की जरूरत है। हमें पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराना होगा ताकि राज्य के पर्यटन स्थलों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हो और लोग यहाँ आने के प्रति अधिक-से-अधिक आकर्षित हो।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध विभिन्न स्थलों में आधारभूत संरचनाएँ विकसित की जाएं।
उन्होंने अधिकारियों से इस दिशा में समर्पित भाव से कार्य करने का निर्देश दिया तथा कहा कि इसके लिये राशि की चिंता न करें, आवश्यकता होगी तो वे केन्द्र सरकार से वार्ता कर पर्यटन के विकास के लिये राशि की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक वे झारखंड में हैं, वे इस राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्ध है ताकि विकास के क्षेत्र में इस राज्य की राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान हो।
बैठक में सचिव, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग अमिताभ कौशल ने कहा कि विगत डेढ़ सालों से कोरोना ने पर्यटन तथा खेलकूद की गतिविधियों को पूर्णतः प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य धार्मिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक दृष्टिकोण से समृद्ध है। यहाँ वैद्यनाथ धाम, देवघर, बासुकीनाथ, दुमका, छिन्नमस्तिका, रजरप्पा, इटखोरी, लुगुबुरू जैसे कई धार्मिक स्थल हैं जहाँ श्रद्धालु आते हैं। इसके साथ ही यहां कई जलप्रपात यथा- जोन्हा, दशम, हुंडरू, सीता, लोध पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध नेतरहाट, बेतला, दलमा के साथ कई डैम पतरातू, गेतलसूद, तेनुघाट, चांडिल, तिलैया डैम, मैथन एवं मसानजोर डैम पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि मलूटी में मंदिरों का संरक्षण कार्य चल रहा है। साथ ही बिरसा मुण्डा कारागार का भी संरक्षण कार्य कर संग्राहलय में विकसित करने का कारी किया जा रहा है जहाँ झारखंड के विभिन्न जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा स्थापित कर उनकी जीवनी को दर्शाया जायेगा। इसके साथ ही होटवार में राज्य संग्राहलय भी है।
बैठक में सचिव, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग अमिताभ कौशल सहित विभाग एवं निदेशालय और एनसीसी के अधिकारीगण मौजूद थे।