दुमका/रांची। झारखंड में चौथे और पांचवें चरण में होने वाले चुनाव के मद्देनजर संतालपरगना प्रमंडल में चुनावी रंग पूरी तरह से चढ़ गया है। तमाम चौक-चौराहों पर चुनाव की ही चर्चा हो रही है।
संथाल क्षेत्र में सत्तारूढ़ और विपक्ष के बीच रोचक मुकाबले के आसार दिख रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा, आजसू, जदयू और लोजपा के अलग-अलग मैदान में उतरने से राजग कुनबा पूरी तरह दरक गया है। सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच चुनावी बिसात बिछ गयी है। संतालपरगना प्रमंडल के सभी 18 विधानसभा क्षेत्रों में इसबार ज्यादातर सीटों पर त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबले देखने को मिल रहा है। इसबार संतालपरगना प्रमंडल के कई क्षेत्रों में चौंकानेवाले परिणाम आने की उम्मीदें बढ़ गयी है।
संतालपरगना झामुमो का मजबूत गढ़ रहा है लेकिन इस गढ़ को ध्वस्त करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है। वहीं झामुमो ने भी कांग्रेस, राजद के साथ महागठबंधन बनाकर अपने इस मजबूत किले को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
संतालपरगना के 18 विधानसभा क्षेत्रों में से मधुपुर और देवघर में चौथे चरण में 16 दिसम्बर को तथा शेष बचे 16 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवें चरण में 20 दिसम्बर को मतदान होगा। 2014 में मोदी लहर के बीच सम्पन्न चुनाव में प्रमंडल के 7 विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। जबकि झामुमो को छह सीटों से संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस तीन और दो सीटों पर झाविमो के प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल हुए थे। हालांकि झाविमो के सारठ के विधायक रणधीर सिंह बाद में पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गये और राज्य के कृषि मंत्री बने।
इसबार भाजपा ने आजसू,लोजपा और जदयू से किनारा कर सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिया हैं। वहीं राजग में शामिल इन दलों ने भी अपने-अपने उम्मीदवार खड़े कर भाजपा को परेशानी में डालने की कोशिश की है। झामुमो ने महागठबंधन बनाकर संतालपगरना के दुमका, शिकारीपाड़ा, जामा, नाला, पौड़याहाट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, बरहेट, बोरियो, राजमहल सारठ और मधुपुर सहित 12 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने जरमुंडी, पाकुड़, जामताड़ा और महगामा और राजद ने देवघर और गोड्डा से अपने पुराने उम्मीदवारों को उतारा है।