खूंटी। खूंटी की महत्वाकांक्षी शहरी जलापूर्ति योजना की निर्माएा कार्य को देखकर लोगों अब कहने लगे हैं कि जिस गति से निर्माण हो रहा है, उससे नौ दिन में चले ढाई कोस वाली कहावत पूरी तरह चरितार्थ होती है। 24 घंटे निर्बाध पानी मिलने का सपना संजोये शहर के लोगों के लिए यह महत्वाकांक्षी योजना अभी दूर की कौड़ी है। दो वर्षों में इस महत्वपूर्ण योजना में 25 फीसदी काम भी पूरा नहीं हुआ है। इस योजना को वैसे तो इस योजना को नवंबर 2021 में ही पूरा करना था, पर सरकार ने इसकी अवधि विस्तार करते हुए इसे मार्च 2022 तक पूरा करने की बात कही है, लेकिन जिस गति से ठेकेदार कंपनी द्वारा काम कराया जा रहा है, उससे कतई संभव नहीं लगता कि 2022 में भी शहर के लोगों को इस योजना का लाभ मिल पायेगा।
इस मामले को खूंटी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा भी विधानसभा में उठा चुके हैं। उनके तारांकित प्रश्न में सदन में बताया गया था कि मार्च 2022 तक योजना पूरी कर ली जायेगी। ज्ञात हो 59.54 करोड़ वाली खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना का एकरारनामा 18 जनवरी 2019 को हुआ था, जिसमें दो वर्षों में योजना को पूर्ण करना था। खूंटी नगर पंचायत क्षेत्र में आगामी 40 वर्षों के बाद होनेवाली आबादी को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके, इसे ध्यान में रखकर तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के प्रयास से रघुवर सरकार सरकार ने विश्व बैंक संपोषित यह योजना शुरू की थी। वर्ष 2018 में तत्कालीन नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने खूंटी नगर भवन में तामझाम से काम का शिलान्यास किया था।
जुडको की देखरेख में चल रही इस महत्वाकांक्षी योजना का काम तमिलनाडु के श्रीराम ईपीसी को सौंपा गया है। कंपनी द्वारा जिस कच्छप गति से काम को अंजाम दिया जा रहा है, उससे यह कतई संभव नहीं लगता कि काम 2022 तक भी पूरा हो सकेगा। योजना में धीमी काम को लेकर कई बार जिले के उपायुक्त कंपनी के अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके हैं, लेकिन कंपनी की कार्य प्रणाली में अपेक्षित सुधार नहीं हो रहा। इस महत्वपूर्ण योजना में एक नया फिल्ट्रेशन प्लांट, शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग क्षमता के तीन नए जलमीनार का निर्माण करना है।
साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में पाइपलाइन भी बिछानी है। इनमें से फिल्ट्रेशन प्लांट तथा जल मीनारों के निर्माण का काम प्रारंभिक चरण में है। वहीं अनेक क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। पाइप लाइन बिछाने के नाम पर कई क्षेत्रों में पक्की पीसीसी सड़क को खोदकर अस्त-व्यस्त कर दिया गया है। संवेदक कंपनी का कहना है कि योजना में सड़क मरम्मत का प्रावधान है, लेकिन पाइप लाइन में पानी आपूर्ति का टेस्ट करने के बाद सड़क की मरम्मत की जायेगी। यहां प्रश्न उठता है कि योजना के अन्य महत्वपूर्ण कार्य अभी प्रारंभिक चरण में हैं, तब क्या वर्षों तक शहर की सड़कें ऐसी ही अस्त-व्यस्त बनी रहेंगी।