संगठन में नए लोगों को मिलेगा मौका, रीजनल कमेटी में होगी फेरबदल
रामगढ़। राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ पूरे सीसीएल में संगठन को धारदार बनाने के लिए आने वाले दिनों में कई बदलाव करेगी। इसके तहत क्षेत्रीय कमेटी का पुनर्गठन किया जाएगा। इसमें अधिक से अधिक नए लोगों को मौका मिलेगा। इसके अलावा क्षेत्रीय कमेटी में कांग्रेस के अन्य प्रकोष्ठ से दो-दो लोगों को जगह दी जाएगी। यह निर्णय मंगलवार को रजरप्पा में आयोजित राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के रीजनल कमेटी की हुई बैठक में ली गई। यह भी निर्णय लिया गया कि क्षेत्रीय कमेटी में 60 प्रतिशत नए लोगों को मौका दिया जाएगा। बैठक स्थानीय ऑफिसर्स क्लब में हुई। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि रीजनल कमेटी के सचिव सह पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह मौजूद थे।
मौके पर क्षेत्रीय सचिव आरपी सिंह के अलावे कौशल कुमार, सुशील गुप्ता, अमन कुमार, अर्जुन मंडल, शिवशंकर पांडेय, अब्दुल शाहिद, भोला राम और बादल कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
राजेंद्र सिंह ने छोड़ी रीजनल कमेटी के सचिव का पद
संगठन को धारदार बनाने की पहल करते हुए सबसे पहले राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के रीजनल कमेटी के सचिव राजेंद्र प्रसाद सिंह ने मंच से ही घोषणा कर दी कि वह सचिव पद से इस्तीफा दे रहे हैं, ताकि रीजनल कमेटी को नए सिरे से गठन करने में कोई परेशानी ना हो। तय किया गया कि एक जनवरी 2020 तक एरिया कमेटी बनाकर रीजनल कमेटी को सौंप दिया जाएगा। रीजनल की बैठक को रीजनल अध्यक्ष गिरजा शंकर पांडे कार्यकारी, अध्यक्ष एमडी विश्वकर्मा और सचिव कुमार जय मंगल सिंह के अलावा वरीय उपाध्यक्ष महेंद्र कुमार विश्वकर्मा वीरेंद्र सिंह तथाश्यामल सरकार ने संबोधित किया। मौके पर वरुण कुमार सिंह, एनपी सिंह, विजय चौबे, सीपी संतन, अंजनी कुमार त्रिपाठी, धनेश्वर मांझी, राम लखन सिंह, सूरज देव सिंह, शिवनंदन चौहान मौजूद थे।
कोयला उद्योग में एफडीआई का विरोध, आंदोलन का निर्णय
बैठक के दौरान कई प्रस्ताव पारित किए गए। जिसमें सबसे प्रमुख कोयला उद्योग में 100 प्रतिशत एफडीआई का विरोध करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा मजदूरों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आंदोलन किया जाएगा। रीजनल कमेटी की बैठक में तय किया गया कि सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। पंद्रह दिनों के अंदर एजेंडा तैयार कर सीसीएल के तमाम जीएम को सौंपा जाएगा। जिसमें कायाकल्प में गड़बड़ी सहित पानी और बिजली की समस्या, हॉस्पिटल में दवा की आभाव और शिक्षा की व्यवस्था को लेकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया।