गुमला| झाररखंड के गुमला जिला अंतर्गत चैनपुर प्रखंड के कुरूमगढ़ में नक्सलियों ने 40 गावों को फरमान जारी कर जंगल में ना घुसने की बात कही है| गांव के लोग जंगल में अपने पशुओं को चराने एवं सूखी लकड़ी और महुआ चुनने जाते है|
बता दे की नक्सलियों ने सुरक्षाबलों से बचने के लिए जंगल के कई हिस्सों में बारूदी सुरंग (IED बम) बिछाया हुआ है| और उनका कहना है की ग्रामीणों के जंगल में घुसने से बारूदी सुरंग पर पैर पड़ने से वह ब्लास्ट हो सकता है| नक्सलियों के इस फरमान से गांव के लोग डर की वजह से एक महीने से जंगल में नहीं घुसे हैं|
गावं वालों को हो रही संकट
गौरतलब है की गावं वाले अपने पशुओं को चरने और पानी पिलाने जंगल में ले जाया करते थे लेकिन नक्सलियों के फरमान जारी करने के बाद पशुओं के खाने पीने की दिक्कत हो रही है| वही गावं के किसानों को भी खेती करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा|
इन 40 गांवों में फरमान जारी
नक्सलियों ने रोरेद, उरू, बारडीह, गानी, कोचागानी, कुटमा छापरटोली, चांदगो, कोटाम, सकरा, सरगांव, कुकरूंजा, मनातू, ओड़ामार, कोचागानी, रोघाडीह, सकसरी, ऊपर डुमरी, केरागानी, केवना, कोलदा, कुयोग, मड़वा, सिविल, तबेला, घुसरी, रोघाडीह, पांकी, हरिनाखाड़, आंजन, ऊपर आंजन सहित 40 गांव के लोगों को पशुओं को चराने एवं लकड़ी चुनने के लिए जंगल में घुसने से मना कर दिया है|