रांची। कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के क्रम में ही राज्य सरकार ने तीसरी लहर से जंग के लिए मंथन शुरू कर दिया है। संभावित तीसरी लहर का स्वरूप कैसा होगा और उसके लिए तैयारियां क्या होनी चाहिए। इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों के चिकित्सकों से भी सलाह मशविरा किया है। विशेषज्ञों की आशंका है कि जिस तरह से कोरोना वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है, उससे तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि तीसरी लहर में सिर्फ बच्चे संक्रमित होंगे। यही वजह है कि राज्य सरकार सतर्क है और जागरूकता फैलाने से लेकर चिकित्सा संबंधी तैयारियों की विस्तृत रूपरेखा पर काम कर रही है।
कोविड संक्रमण के दौरान बच्चों की देखभाल, सामान्य लक्षण एवं बचाव
प्रिपरेशन, प्रिवेंशन एंड प्लानिंग फॉर कोविड 19, थर्ड वेव इन झारखण्ड पुस्तक से प्राप्त जानकारी के अनुसार संभव है कि कोविड से संक्रमित अधिकांश बच्चों में कोई लक्षण नजर नहीं आये या हल्के लक्षण हो सकते हैं। सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस फूलना, सांस लेने में तकलीफ, थकान, बदन दर्द, नाक बहना, गले में खराश, दस्त, स्वाद या गंध का ना आना आदि शामिल है। उम्र कम होने की वजह से बच्चे अपने कई लक्षण के बारे में बताने में असमर्थ होते हैं।
बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए ये करें
-बच्चों में इम्यून बढ़ाने के लिए उनके दूध में शहद मिलाकर दें।
-बच्चों की साफ़-सफाई पर पूरा ध्यान दें।
-नहाने वाले पानी में नीम के पत्ते को उबाल कर बच्चे को नहलायें।
-बच्चे को सौंफ का पानी पिलाएं, उससे पेट में ठंडक रहेगी।
-घर पर अगर कोई बीमार है, तो उनसे उन्हें अलग रखें।
-बच्चों को गोद में लेने से पहले अपने हाथों को अच्छे से साफ़ कर लें।
-किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
-बच्चों को मास्क ना पहनाएं, उससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है।
ऐसा हो बच्चों का खान-पान
● थोड़े-थोड़े समय पर कुछ न कुछ खाने को दें।
●आलू को उबाल कर खिलाएं।
●फल का जूस बच्चे को दें।
● बच्चे को फल-सब्जियां, अंडा, दाल, चिकन और साबुत अनाज खिलायें।
●अधिक से अधिक पानी पिलाएं।
●नारियल पानी का सेवन कराएं।
●सुबह के नाश्ते में प्रोटीन और फाइबर जरूर दें।
●शरीर में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा रखने के लिए आंवला, नींबू, संतरा, टमाटर, अमरूद, ब्रोकली का सेवन कराएं।
●शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जिंक की महत्वपूर्ण भूमिका है, उसके लिए चना, मसूर का सेवन कराएं।
●सुबह-शाम दूध में हल्दी मिला कर दें।