रांची। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, झारखंड, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान एवं झारखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में झारखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नामकुम के सभागार में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं क्रियान्वयन” विषय पर संगोष्ठी आयोजित किया गया।
इस मौके पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि सर्वप्रथम, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, झारखंड, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान एवं झारखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को “राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं क्रियान्वयन” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर संगोष्ठी आयोजन करने के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ। आप सभी शिक्षाविद के बीच इस संगोष्ठी में आकर मुझे बहुत खुशी है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पहली बार देश की प्रकृति, संस्कृति और विकास को ध्यान में रखते हुए ऐसी शिक्षा नीति बनी है जिसके लागू होने से देश की शिक्षा को एक नई दिशा मिलेगी और भारत वैश्विक पटल पर ‘ज्ञान की महाशक्ति’ बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर होगा।
यह मैकाले की शिक्षा नीति से बिल्कुल अलग है जो कि हमारे देश और देशवासियों के अनुरूप है। शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का समग्र विकास एवं चरित्र निर्माण है। कार्यक्रम में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में रांची यूनिवर्सिटी, एनआईटी, जमशेदपुर, कोल्हान यूनिवर्सिटी, नीलांबर पितांबर यूनिवर्सिटी, पलामू, झारखंड विमेन्स यूनिवर्सिटी, जमशेदपुर, बिनोवा भावे यूनिवर्सिटी, हजारीबाग, सरला बिरला यूनिवर्सिटी, झारखंड राय विश्वविद्यालय, एमिटी यूनिवर्सिटी, ऊषा मार्टिन यूनिवर्सिटी, बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, साई नाथ यूनिवर्सिटी, आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी, बीआइटी मेसरा और श्रीनाथ यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर, रजिस्ट्रार और डायरेक्टर सहित कई शिक्षाविद उपस्थित थे।