रांची। रांची रेलवे स्टेशन पर एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। लेकिन स्टेशन पर कोई डॉक्टर न होने की वजह से बच्चे को नहीं बचाया जा सका। शनिवार को चेन्नई से धनबाद जा रही एलेप्पी एक्सप्रेस में अपने परिजन के साथ एक गर्भवती महिला धनबाद जा रही थी। रांची रेलवे स्टेशन पहुंचते ही महिला को लेबर पेन उठा और वह कहराने लगी। परिजनों ने इसकी सूचना तुरंत आरपीएफ को दी। आरपीएफ ने प्रबंधन को इससे अवगत कराया। लेकिन आधे घंटा बीत जाने के बाद भी महिला को देखने ना तो रेलवे का कोई चिकित्सक आया और ना ही किसी ने भी इसकी सुध ली।
बताया गया कि महिला ट्रेन संख्या 03352 एलेप्पी धनबाद एक्सप्रेस के एस-11 बर्थ नंबर 58/ 64 पर सवार थी। धनबाद से उन्हें नवादा जाना था। काजल कुमारी नाम की यह महिला अपने पति रंजन कुमार के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी। आनन-फानन में आरपीएफ की मदद से इस महिला को निजी वाहन से रिम्स भेजा गया । लेकिन प्रसव के दौरान रिम्स में बच्चे की मौत हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से रांची रेलवे स्टेशन में एंबुलेंस मुहैया कराई गई है ।लेकिन इसका उपयोग भी नहीं हो रहा है।
आरपीएफ के सुरक्षाकर्मी ने स्टेशन मास्टर को तत्काल एक महिला यात्री की लेबर पेन होने के सूचना दी। महिला ट्रेन में काफी देर तक छटपटाती, कराहती रही। सभी बेबस नजर आ रहे थे। महिला के पति और लोगों ने डॉक्टर और एंबुलेंस भेजने का बार-बार आग्रह किया। लेकिन रेलवे की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई। महिला को न तो चिकित्सक उपलब्ध हुआ और न ही एंबुलेंस की सुविधा मिली। आरपीएफ के पोस्ट इंस्पेक्टर के निर्देश पर मेरी सहेली की टीम ने गर्भवती महिला यात्री को एक स्ट्रेचर की सहायता से नीचे उतारा। स्टेशन की जमीन पर स्ट्रेचर पर लेटी महिला दर्द से तड़प रही थी। महिला की स्थिति नाजुक होती जा रही थी। जब काफी देर होने पर भी एंबुलेंस और चिकित्सक नहीं आए तो उस महिला को मेरी सहेली टीम की एलसी मंजू कुजूर और शारदा चौधरी ने किराये ऑटो से ले जाकर रिम्स में भर्ती कराया। साथ में इंस्पेक्टर सुनीता पन्ना और एसआई प्रियंका कुमारी भी मदद के लिए रिम्स तक गयीं। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, प्रसव में उस महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। हालांकि रिम्स के चिकित्सक ने महिला की स्थिति को खतरे से बाहर बताया।