साहिबगंज। साहिबगंज जिले के राजमहल क्षेत्र के कसवा में पिता से पैसे की वसूलनी करने के लिए बेटे ने अपने अपहरण की झूठी कहानी रची। पुलिस की जांच में पता चला है कि बेटे सेठु महलदार को रुपये की जरूरत थी। पिता गणेश महलदार ने रुपये नहीं दिए। लिहाजा बेटे ने पिता से पैसे निकलवाने के लिए अपने अपहरण का नाटक किया। परिजनों ने इस मामले में थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करा दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। इसमें पूरी कहानी खुलकर सामने आ गई। पुलिस ने बेटे को बरामद कर परिवार को सौंप दिया है।
बताया जाता है कि गणेश महलदार दाल का कारोबार करते हैं। उसके दोनों बेटे भी कारोबार में उनका सहयोग करते हैं। करीब नौ माह पूर्व बड़े बेटे सेठु महलदार की शादी हुई। पत्नी को हृदय से संबंधित बीमारी थी। इस वजह से कारोबार के लिए मिले रुपये उसने पत्नी की दवा में खर्च कर दिया। पिता लगातार उससे हिसाब मांग रहे थे। वहीं बेटे को और पैसे की जरूरत थी। लिहाजा पिता से और रुपये लेने के लिए बेटे ने अपने अपहरण की साजिश रची। पिता को फोन कर बताया कि कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये मांग रहे हैं।
इसके बाद पिता ने राधानगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी। इसमें बताया कि उसका बेटा सेठु महलदार गत 24 जनवरी की सुबह नौ बजे अपने घर कसवा से राधानगर थाना के उधवा बाजार दाल बेचने गया था। शाम तक घर नहीं लौटने पर खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला। उसी दिन रात में बेटे ने फोन किया। बताया कि उधवा चौक के आगे मस्जिद के पास से बोलेरो से आए पांच-छह लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। फिरौती में पांच लाख रुपया मांग रहे हैं। नहीं देने पर जान मारने की धमकी दे रहे हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने एक टीम गठित कर छापेमारी शुरू की।
मस्जिद के पास से सेठु महलदार की बाइक बरामद की। बाद में उसे चौकीढाब से बरामद कर लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि काफी कर्ज में डूब गया था। इस कारण उसने अपने पिता को फोन कर अपहरण की झूठी कहानी बताई। इसके बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। बुधवार को राजमहल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसडीपीओ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि अपहरण का मामला झूठा निकला। सेठू महलदार ने अपने अपहरण की झूठी बात अपने स्वजनों को बताई थी।