रांची। राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने बुधवार को विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग में बहुउद्देशीय भवन और अत्याधुनिक डिजिटल स्टूडियो का उद्घाटन किया। राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय का यह पहला डिजिटल स्टूडियो है।
मौके पर राज्यपाल ने कहा कि झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी पूरी की जायेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र की प्रगति होती है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इससे पहले राज्यपाल ने विश्वविद्यालय कैंपस में रुद्राक्ष का पौधरोपण कर मल्टीपर्पस बिल्डिंग और झारखंड के एकमात्र विनोबा भावे विश्वविद्यालय में स्थापित डिजिटल स्टूडियो का उद्घाटन किया।
राज्यपाल ने ऑनलाइन शिक्षा की भी वकालत करते कहा कि कोविड के बाद आनलाइन शिक्षा विकल्प है और यह स्टूडियो एक जरिया बनेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में डिजिटल लैब से यूट्यूब पर भेजी जानेवाली पाठ्य सामग्री से न सिर्फ हजारीबाग, बल्कि संपूर्ण विश्व के विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के वातावरण को और बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों की हौसला अफजाई की।
उन्होंने बताया कि मेरी रुचि शिक्षा और स्वास्थ्य में रही है। जहां भी रहा उसे अपना घर माना और उसे संवारने का प्रयास किया। छतीसगढ़ और झाररखंड एक साथ अलग हुए, यहां विकास की संभावनाएं है। राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य ठीक हो जाए तो विकास करने से कोई नहीं रोक सकता। विभावि परिसर में उन्हें गार्ड आफ ऑनर दिया गया।
कुलपति ने विभावि का रिपोर्ट कार्ड रखा
मौके पर कुलपति ने विभावि का रिपोर्ट कार्ड रखा। आगामी समय में प्रारंभ किए जाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस पाठ्यक्रम की जानकारी दी। बताया कि विभावि शिक्षक की कमी से जूझ रहा है। जनजातीय शोध संस्थान के प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि विभावि राज्य का विश्वविद्यालय है, जिसने कोविड काल में भी 200 से भी अधिक परीक्षा करा उसका प्रकाशन भी किया।
शिक्षा और स्वास्थ्य प्राथमिकता : सांसद
सांसद जयंत सिन्हा ने हजारीबाग को आगामी 100 साल से शिक्षा केंद्र होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य रहा है। मेडिकल कॉलेज उसका एक उदाहरण है। उन्होंने भी राज्यपाल से शिक्षक की कमी कही बातें कहीं और इसका असर मेडिकल कॉलेज में होने वाले नामांकन पर भी बताया। जयंत सिन्हा ने मेडिकल कॉलेज और सेंटर फॉर ट्राइबल एजुकेशन आरंभ कराने में राज्यपाल से सहयोग की मांग की। कार्यक्रम में राज्यपाल को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के कमिश्नर व कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद के कुलपति कमल जॉन लकड़ा, प्रतिकुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा, कुलसचिव डॉ एमके सिंह, पीआरओ डॉ प्रमोद कुमार, पीडीजे, बीएसएसफ के डीआईजी, उत्तरी छोटानागपुर प्रक्षेत्र के डीआईजी, डीसी और एसपी भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने विभिन्न शिक्षकों कुलसचिव डॉ एमके सिंह, लॉ कॉलेज ऑफ यूनिवर्सिटी के प्राचार्य जयदीप सान्याल, संत कोलंबा कॉलेज इतिहास विभाग के शत्रुघ्न पांडेय आदि की लिखी पुस्तकों का भी विमोचन किया।