दुमका। जम्मू-कश्मीर के उरी बॉर्डर पर शहीद हुए बीएसएफ जवान मंजीत झा की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी। राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया। लोगों ने नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी। इस दौरान झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि सरकार शहीद जवान के परिवार की हरसंभव मदद करेगी। इससे पहले शहीद जवान मंजीत झा की अंतिम यात्रा बासुकीनाथ नगर से श्मशान घाट पहुंची। मंत्री बादल पत्रलेख ने भी शहीद जवान के शव को कंधा दिया। बीएसएफ के जवानों ने भी शहीद जवान को अंतिम सलामी दी। माहौल तब और गमगीन हो गया जब जवान की छह साल की मासूम ने मुखाग्नि दी। कृषि मंत्री ने कहा कि यह देश और राज्य के लिए बहुत बड़ी क्षति है। सरकार जवान के परिवार की हरसंभव मदद की कोशिश करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी चिट्ठी लिखी गई है।
गौरतलब है कि शहीद जवान मंजीत झा स्व. दिलीप झा के बेटे थे, वो अपने पीछे पत्नी और दो बेटियों को छोड़ गए हैं। मंजीत बीएसएफ में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे। दो दिन पहले ड्यूटी के दौरान वो अचानक गश खाकर गिर पड़े थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद जवान मंजीत झा का पार्थिव शरीर, छह साल की बेटी ने दी मुखाग्नि
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