अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वार (Trade War) के कारण चीन की अर्थव्यवस्था (Economy) सुस्त हो रही है. यदि अमेरिका ने आगे शुल्क (Tariff) में और बढ़ोतरी की तो चीन की आर्थिक वृद्धि दर में इसकी वजह से तेज गिरावट आ सकती है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने यह चेतावनी दी. IMF की एक रिपोर्ट में चीन की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान इस साल के लिए घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया गया है. उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा कि चीन पिछले कई दशकों में सबसे बुरे साल से गुजर रहा है और इस कारण वह व्यापार समझौता करना चाहता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह व्यापार समझौते के लिए तैयार नहीं हैं.
यह अनुमान यह मानकर लगाया गया कि चीन से आयात होने वाले सामान पर आगे कोई और शुल्क नहीं लगाया जाएगा. लेकिन यदि चीन के शेष आयात पर भी 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया तो अगले साल के लिए चीन की जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान और कम हो सकता है. चीन की अर्थव्यवस्था की समीक्षा पर आधारित यह रिपोर्ट जब तैयार की गई थी तब अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन के 300 अरब डॉलर के सामान पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा नहीं की थी. नया शुल्क 1 सितंबर से प्रभावी होने वाला है.
1 सितंबर से लागू होगा शुल्क
इसके बाद 1 सितंबर से चीन से आयात होने वाले पूरे सामान पर शुल्क लग जाएगा. IMF ने कहा, व्यापारिक तनाव के और बढ़ने से चीन की आर्थिक वृद्धि दर कम होगी. उदाहरण के लिए, यदि चीन के बचे आयात पर अमेरिका 25 प्रतिशत का शुल्क लगाता है तो इससे चीन की आर्थिक वृद्धि दर अगले 12 महीने में करीब 0.80 प्रतिशत कम हो सकती है.’
आईएमएफ ने कहा कि इसका नकारात्मक असर वैश्विक स्तर पर देखने को मिल सकता है. उसने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच जारी व्यापारिक तनाव को यथाशीघ्र सुलझाने की भी अपील की है. हालांकि, ट्रंप ने संकेत दिया कि वह सितंबर महीने में प्रस्तावित अगली व्यापार वार्ता को रद्द कर सकते हैं. उन्होंने व्यापार समझौता होने पर भी संदेह जताया.
और बुरा होगा चीन का हाल
ट्रंप ने वॉइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, चीन समझौता करना चाहता है. यह कई दशकों में उनका सबसे बुरा साल है. यह और बुरा होने वाला है. हजारों कंपनियां चीन छोड़ रही हैं. वे समझौता करना चाहते हैं. मैं समझौते के लिए तैयार नहीं हूं.
बात हुई पर बात बनी नहीं
दोनों देशों के बीच पिछले साल नवंबर में व्यापार वार्ता की शुरुआत हुई. अब तक दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई सार्थक परिणाम सामने आ नहीं सका है. हालांकि, दोनों देशों के बीच नवंबर में वार्ता शुरू होने के बाद 100 दिनों के भीतर समझौते पर पहुंचने की सहमति बनी थी. इससे पहले इसी सप्ताह अमेरिका ने चीन को मुद्रा में हेरफेर करने वाला देश घोषित किया है.