गिरिडीह। धनवार थाना क्षेत्र के गोरहंद निवासी सुरेश साव के एकलौते पुत्र प्रेम कुमार (05) की मौत गलत इंजेक्शन देने से हो गई। इंजेक्शन लगते ही बच्चे का दम घुटने लगा, जिससे दस मिनट के अंदर ही उसकी मौत क्लीनिक में ही हो गई।
जानकारी के मुताबिक बुधवार को प्रेम का कान दर्द कर रहा था। इसके बाद शाम परिजन बच्चे को लेकर इलाज कराने गांव में ही संचालित बंगाली डॉक्टर के यहां ले गए। वहां झोला छाप बंगाली डॉक्टर ने उसका कान साफ कर एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। देखते ही देखते उसकी हालत बिगड़ने लगी। गंभीर हालत को देखते हुए झोलाछाप डॉक्टर ने परिजनों को किसी दूसरे डॉक्टर के पास ले जाने की सलाह दी। इसके बाद आनन-फानन में परिजन बच्चे को बाहर ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि उसने दम तोड़ दिया। इधर परिजन अपने एकलौते बेटे के खोने के वियोग में हताश थे। इसी बीच झोला छाप डॉक्टर मौका देख क्लीनिक छोड़ फरार हो गया। वह कहां का रहनेवाला था इसकी जानकारी ग्रामीणों को नहीं है।
ग्रामीणों ने बताया कि वर्षो से वह गांव के ही एक किराए की मकान में रहता था। वह बंगाली डॉक्टर के नाम से इलाके में प्रसिद्ध था। किराए की मकान में क्लीनिक संचालित कर रखा था और आसपास के गांवों में भी घूम घूमकर लोगों का इलाज किया करता था। धनवार पुलिस ने गुरुवार की सुबह बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए गिरिडीह भेज दिया। उसकी मौत की सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। मृतक के पिता सुरेश साव ने धनवार थाना में दोषी झोलाछाप बंगाली डॉक्टर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। धनवार थाना प्रभारी रूपेश कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित डॉक्टर की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।