रामगढ़ । शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग की छात्रा पूजा कुमारी की मौत पर अभी भी रहस्य बरकरार है। 5 दिनों की मैराथन जांच के बाद भी हजारीबाग और रामगढ़ पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा है। घटना के 5 दिन के बाद झारखंड के डीजीपी एमपी राव खुद रामगढ़ पहुंचे उन्होंने डीआईजी अमोल वेनुकांत होमकर, हजारीबाग एसपी कार्तिक और रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार के साथ बात की है। पुलिस मुख्यालय में डीजीपी की बैठक जारी है। दोनों जिलों की एसपी के देखरेख में पूजा हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी में शामिल लोगों से भी डीजीपी बात करेंगे। सूचना यह है कि वे पतरातू डैम के उस घटना स्थल का भी जायजा लेंगे, जहां पूजा की लाश मिली है।
विदित हो कि 12 जनवरी को गोड्डा जिला निवासी पूजा कुमारी की लाश पतरातू डैम में मिली थी। उसके हाथ और पैर दोनों ही रस्सियों से बंधे हुए थे। जैसे ही पुलिस को सूचना मिली, पूरे मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई थी। पुलिस को उम्मीद थी कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उन्हें जरूर कोई सुराग मिलेगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी जब कुछ हाथ नहीं लगा तो डीआईजी अमोल वेनुकांत होमकर ने हजारीबाग और रामगढ़ एसपी के नेतृत्व में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम तैयार की, ताकि मेडिकल छात्रा की हत्या के रहस्य को सुलझाया जा सके। 11 जनवरी को पूजा शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से रांची के लिए निकली थी। उसने अपने हॉस्टल के वार्डन को बताया था कि रांची में उसका एग्जाम है। हॉस्टल से वह ऑटो से निकली थी और सरकारी बस स्टैंड से बस लेकर रांची के लिए चली थी। हालांकि पूजा के परिजनों के अनुसार हजारीबाग में ही उसे परीक्षा होने वाली थी। वह 3:00 बजे के बाद अपने परिजनों से बात करने वाली थी। लेकिन अचानक वह पतरातू डैम कैसे पहुंची और उसकी मौत कैसे हुई इसका पता किसी को नहीं चला है।