नई दिल्ली। लगातार घट रहे वनों के क्षेत्रफल और इसके चलते हो रहे वातावरण में बदलाव को देखते हुए वृक्षारोपण की सलाह दुनिया के सभी पर्यावरण विशेषज्ञ दे रहे हैं. वैसे तो हर साल मानसून के दौरान वृक्षारोपण होते हैं लेकिन उनके अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाते. इस समस्या को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख विशाल मेश्राम, इन दिनों बड़ी संख्या में बीज बम बना रहे हैं.
बम का नाम सुन कुछ अटपटा लगे तो आपको बता दें इन बीज बमों को सीड बॉल और अर्थ बॉल भी कहते हैं. वर्मी कंपोस्ड खाद, खेत की मिट्टी की मदद से ऐसी बॉल बनाई हैं। जिनमें किसी भी पेड़ के 2 बीज रखे गए हैं. खासकर इसमें सामुदायिक वानिकी के अंतरगत आने वाले वृक्ष के बीज जैसे नीम, हर्रा, बहेड़ा, कनाडा पुनीठ का लेख उनआंवला जैसे दीर्घकालिक वृक्षों को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग किया जा रहा है.
मानसून के मौसम में 2 से 3 बरसात के बाद किसी भी ऐसे स्थान पर जहां वृक्षारोपण करना है, वहां फेंकना है. इसके बाद ये बॉल बाकी का काम खुद कर देंगे. पानी मिलते ही इस बॉल के बीज अंकुरित हो जाएंगे और इसकी केंचुआ खाद और मिट्टी इन्हें बड़े होने में मदद करेगी. इतना ही नहीं यदि आप घर में इन्हें लगाना चाहते है तो केवल इसे उस जगह रख दीजिये जहां आप पौधा लगाना चाहते है. यह वृक्षारोपण का सबसे आसान तरीका है और नर्सरी में बीज लगाने, पौधे की देखरेख करने और फिर बाद में गड्ढे खोद कर रोपने से लोगों को राहत दिलाएगी.