अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी ग्रामीणों की भीड़
गुमला। शहीद एएसआई सुकरा उरांव का पार्थिव शरीर शनिवार को घाघरा यज्ञ बगीचा स्थित आवास पर पहुंचते ही ग्रामीणों का हुजूम अपने वीर सपूत के दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। सभी शहीद सुकरा उरांव के अंतिम दर्शन के लिए लालायित दिख रहे थे।
इस दौरान माल्यार्पण के लिए प्रदेश महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष बॉबी भगत, भाजपा के बिशुनपुर विधानसभा उम्मीदवार अशोक उरांव सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शहीद को अंतिम विदायी दी। शहीद के पांच साल की बेटी घटना से अनजान, भीड़ को मासूमियत से निहार रही थी तो बूढ़ी मां गंदूरी देवी दहाड़ मारकर रोने लगी। विलाप और चीत्कार से पूरे इलाके के लोगों की आंखों में आंसू छलक रहे थे। पांच वर्षीय बेटी आयुषि पिता के अंतिम दर्शन से अनजान बनी सभी को निहार रही थी। पुत्री अमीषा लकड़ा, अनिशा लकड़ा सहित पत्नी नीलमणि देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। सभी पिता के खोने का गम में बेसुध हो रहे थे।
सुकरा उरांव अमर रहे नारों से गुंजायमान रहा क्षेत्र
शव को घाघरा यज्ञ बगीचा स्थित घर में शनिवार को आधे घंटे तक रखने के उपरांत जिला पुलिस बल लातेहार द्वारा शहीद के पैतृक गांव ले जाया गया। जहां गांव के ग्रामीणों के साथ शहीद की अंतिम यात्रा प्रारंभ की गई। जिला पुलिस बल के जवान वीर शहीद सुकरा उरांव अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा शुकरा तेरा नाम रहेगा, आदि नारों के साथ शव यात्रा में अंतिम विदाई मातमी धुन के साथ दी। शहीद शुकरा उरांव के पैतृक गांव चुमनु शव पहुंचते ही सभी ग्रामीण अपने वीर शहीद बेटा के दर्शन के लिए आगे आने लगे।
परिवार का ख्याल रखे सरकार : पत्नी नीलमणी देवी
पत्नी नीलमणी देवी को जहां पति के खोने का दुख है, वहीं अपने पति की वीरता पर नाज भी है। नीलमणी देवी का कहना है कि उसके पति अपने ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए हैं। सरकार उनके परिवार का समुचित ख्याल रखे। सुकरा उरांव अपने घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था, जिसकी मौत के बाद घर में कोई भी कमाने वाला नहीं है।
शहीद सुकरा ने प्रारंभिक शिक्षा तारागुट्टू प्राथमिक विद्यालय में करने के उपरांत मैट्रिक व इंटरमीडिएट की शिक्षा बीएन जालान कॉलेज से प्राप्त की थी। इसके बाद सुक्ररा उरांव का वर्ष 1998 में जिला पुलिस बल लोहरदगा में चयन हो गया। वर्ष 2012 में अपनी बेहतर सेवा से एसआई में प्रोन्नति प्राप्त की।
शहीद सुकरा उरांव दीपावली की छुट्टी में अंतिम बार घर आये थे। शुक्रवार रात लगभग सात बजे अपनी पत्नी नीलमणी देवी से मोबाइल फोन पर अंतिम बार बातचीत की थी। नीलमणी ने बताया कि शुक्रवार रात सात बजे बात होने के बाद हमलोग घर में खाना खाकर सो रहे थे। इसी बीच चंदवा थाना से लगभग 11 बजे फोन करके बुलाया गया। शनिवार अहले सुबह चार बजे अपने परिजनों के साथ चंदवा थाना पहुंचे, जहां से हमलोगों को लातेहार भेजा गया। जहां हादसे की जानकारी दी गई।