लातेहार पीसीआर हमले में गंझू दस्ते का नाम सामने आया
संभलने तक का मौका नहीं, कुछ मिनट में सौ राउंड फायरिंग
रेकी कर 10-12 नक्सलियों ने दिया घटना को अंजाम
गंझू का दस्ता तीन जिलों में सक्रिय, इलाके में दहशत
रांची। झारखंड पुलिस के लिए प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर रवीन्द्र गंझु चुनौती बना हुआ है। लोहरदगा, गुमला और लातेहार पुलिस के लिए गंझू सबसे बड़ा सिरदर्द है। कुख्यात माओवादी रवींद्र गंझू की पत्नी ललिता देवी को पुलिस ने तीन-चार माह पूर्व गुमला से गिरफ्तार कर जेल भेजा था। रवींद्र के घर को भी पुलिस ने कुर्क किया था। सूत्रों का कहना है कि पीसीआर पर हमला ललिता देवी की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए ही किया गया है।
लातेहार में हुए नक्सली हमले ने एकबार फिर नक्सल अभियान को सवालों के घेरे में ला दिया है। लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र के हेसला बांझीटोला का रहने वाला भाकपा माओवादी संगठन का जोनल कमांडर और 10 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली रवींद्र गंझू का दस्ता तीन जिलों में सक्रिय है।
उल्लेखनीय है कि रवींद्र गंझू के दस्ते के साथ पुलिस की कई बार मुठभेड़ हो चुकी है। मुठभेड़ में हमेशा गंझू घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहता है। गंझू के दस्ते में करीब 15 से 20 नक्सली हैं। रवीन्द्र गंझू का दस्ता लेवी वसूलने के साथ-साथ वाहनों में आग लगाकर दहशत फैलाने का भी काम करता है। पुलिस रवींद्र गंझू के खिलाफ लगातार अभियान भी चलाती है, बावजूद इसके रवींद्र गंझू बार-बार बचकर निकल जाता हैं। इन तीनों जिलों में नक्सली गंझू का डर ऐसा है कि विकास कार्य में लगी कंपनियों, कारोबारियों से वह लेवी वसूलने का काम करता है और लेवी नहीं देने पर हत्या और आगजनी जैसी घटना का अंजाम देता है।
लातेहार हमले में गंझू का नाम आया है सामने
लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात पीसीआर वैन पर हुए नक्सली हमले की पीछे रवींद्र गंझू के दस्ते का हाथ बताया जा रहा है। खबर है कि जिस क्षेत्र में घटना को अंजाम दिया गया है, उस क्षेत्र में रवींद्र गंझू के दस्ते की सक्रियता है। इससे इस बात को पूरा बल मिलता है कि कहीं न कहीं घटना के पीछे रविंद्र गंझू के दस्ते का ही हाथ है। जिस तरह से सरायकेला में महाराजा प्रमाणिक के दस्ते के द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या की गई थी, उसी योजना पर रवींद्र गंझू के दस्ते के द्वारा लातेहार में भी पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया।
रवींद्र गंझू को लगे थे दो झटके
नक्सली रवींद्र गंझू को इस वर्ष दो बड़े झटके लगे थे। 22 जुलाई को लोहरदगा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रवीन्द्र गंझू के दस्ते में काम करने वाले हार्डकोर नक्सली फुलेश्वर गंझू को गिरफ्तार किया था। उसके बाद 26 जुलाई को उसकी पत्नी ललिता देवी को लोहरदगा पुलिस ने रायडीह से गिरफ्तार किया था। ललिता देवी पर आरोप था कि वह अपने पति की नक्सल गतिविधियों में सहयोग करती थी।
कई बार मुठभेड़ में बच निकला रविंद्र गंझू
23 मार्च 2018 लोहरदगा-गुमला जिले के सीमावर्ती सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के चपाल चिलम टोंगरी में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के जोनल कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी।
30 नवंबर 2018 लोहरदगा जिले के जोबांग और चंदवा थाना क्षेत्र के सीमावर्ती बिरजंघा जंगल-तलसा जंगल में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के रविन्द्र गंझू के दस्ते और लोहरदगा पुलिस के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई थी।
8 दिसंबर 2018 लोहरदगा-किस्को थाना क्षेत्र के भूसाखाड़ जंगल में शनिवार शाम माओवादी कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी।
16 मार्च 2019 लोहरदगा-गुमला बॉर्डर के पेशरार के जंगल के उलिगांव के समीप सुरक्षा बलों और नक्सली की मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ माओवादी रवींद्र गंझू के दस्ते के साथ हुई थी। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में सुरक्षा बल को भारी पड़ता देख माओवादी भाग निकले थे।
दो अगस्त 2019 लोहरदगा जिले के घोर नक्सल प्रभावित पेशरार थाना क्षेत्र के लोहड़ी पहाड़ में रवींद्र गंझू के दस्ता के साथ मुठभेड़ हुई थी।
क्या कहते हैं अधिकारी
डीआईजी एवी होमकर ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। नक्सलियों के खात्मे तक अभियान जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान की पुलिस मुख्यालय की ओर से पूरी मानिटरिंग की जा रही है।
शहीद जवानों को डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि
लातेहार में हुए नक्सली हमले में शहीद एएसआई सहित चार जवानों को शनिवार को न्यू पुलिस लाइन में डीजीपी केएन चौबे सहित अन्य अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि के बाद शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेज दिया गया।
शुक्रवार रात नक्सलियों ने चंदवा थाने की पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया था। लुकइया गांव के समीप रांची, डालटनगंज मुख्य मार्ग पर घात लगाए बैठे नक्सलियों ने पुलिस पार्टी की गाड़ी को गोलियों से छलनी कर दिया। हमले में एएसआई सुकरा उरांव , जमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद और सिकंदर सिंह शहीद हो गये थे।
पुलिस को संभलने का नहीं मिला मौका
लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र के लुकइया मोड के पास शुक्रवार की रात नक्सलियों की ओर से पुलिस के पीसीआर वैन पर किये गये हमले के दौरान पुलिस को संभलने तक का मौका नहीं मिला। नक्सलियों का हमला इतना सटीक था कि कुछ ही मिनट में नक्सलियों ने पुलिस की पीसीआर वैन पर करीब 100 राउंड गोलियां चली। नक्सलियों के इस हमले में चार जवान शहीद हो गये। नक्सलियों ने शहीद पुलिसकर्मियों के हथियार भी लूट लिए।
लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र के लुकइया मोड के पास चंदवा थाना की पीसीआर वैन पर नक्सलियों ने जिस तरह से रणनीति के तहत हमला किया इससे आशंका जतायी जा रही है कि नक्सलियों को पहले से सूचना थी कि पुलिस की पीसीआर वैन यहां पर आकर रुकती है।
रेकी कर घटना को दिया गया अंजाम
सूत्रों की माने तो नक्सलियों ने इस घटना का अंजाम देने के लिए पहले ही रेकी की थी। इसके बाद पीसीआर वैन पर हमला किया और कुछ ही मिनटों में नक्सलियों ने पीसीआर वैन पर कम से कम 100 से अधिक गोलियां चलायी। नक्सलियों की संख्या लगभग 10-15 थी।
लंबे समय बाद चुनाव में पुलिस पर हुआ हमला
लातेहार में चुनावी माहौल में लंबे समय बाद पुलिस को टारगेट किया गया है। बताया जा रहा है कि 25 साल पूर्व तक प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों की ओर से चुनाव बहिष्कार का पूरा असर दिखता था। उस समय नक्सलियों की ओर से बराबर पुलिस टीम पर हमले किये जाते थे। वर्षों पहले नक्सलियों ने पुलिस बस को बम विस्फोट से उड़ा दिया था। इस घटना में 10 जवान शहीद हुए थे। घटना के बाद से नक्सलियों ने चुनाव के दौरान पुलिस पर हमला करने की कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार पुलिस की कारगर रणनीति के आगे उनकी एक न चली। लेकिन शुक्रवार रात नक्सली अपने मंसूबे में कामयाब हो गये और उनके द्वारा किये गये हमले में चार जवान शहीद हो गये थे।