इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इन दिनों हालात ठीक नहीं चल रहे हैं। इमरान खान आर्मी और शहबाज शरीफ को लगातार चैलेंज कर रहे हैं। दूसरी ओर सेना इमरान को सबक सिखाने के लिए मौके का इंतजार कर रही है। इमरान पर आर्मी एक्ट लगाने की तैयारी है, जिसमें उन्हें फांसी या उम्रकैद तक हो सकती है। पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास पर नजर डालें तो पता लगता है कि पाकिस्तानियों को प्रधानमंत्री पसंद नहीं हैं। यही वजह है कि यहां किसी भी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। उसमें भी 18 मौकों पर पाकिस्तान में प्रधानमंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ा। सैन्य तख्तापलट, जबरन इस्तीफा और एक बार तो पीएम रहते हत्या तक कर दी गई।
इमरान खान अपने कार्यकाल के एक साल पहले ही अविश्वास प्रस्ताव से प्रधानमंत्री पद से बेदखल हो गए। अब आर्मी और नई शहबाज सरकार उनके पीछे पड़ी है। 1947 के बाद से पाकिस्तान ने कुल 29 प्रधानमंत्री देखे, जिनमें से एक तो एक साल में दो बार पीएम बना और गद्दी गंवाई। 18 मौकों पर पाकिस्तान में प्रधानमंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ा। सैन्य तख्तापलट, जबरन इस्तीफा और एक बार तो पीएम रहते हत्या तक कर दी गई।
प्रधानमंत्री नूरुल अमीन का कार्यकाल सबसे छोटा रहा। वो दो सप्ताह तक ही पीएम रहे। जबकि सबसे लंबा कार्यकाल नवाज शरीफ का रहा। समय- चार साल और दो महीने। नवाज शरीफ सबसे ज्यादा तीन बार 1990, 1997 और 2013 में पीएम बने।
ये हैं पाक पीएम जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए
- लियाकत अली खान: पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री रहे। अगस्त 1947 में कार्यभार संभाला। 16 अक्टूबर, 1951 को एक राजनीतिक रैली में उनकी हत्या कर दी गई। उनका कार्यकाल चार साल और दो महीने रहा।
- ख्वाजा नजीमुद्दीन: 17 अक्टूबर, 1951 को पदभार ग्रहण किया। धार्मिक दंगों को गलत तरीके से प्रबंधित करने के आरोप में उन्हें 17 अप्रैल, 1953 को देश के गवर्नर जनरल द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। कार्यकाल एक साल और छह महीने रहा।
- मोहम्मद अली बोगरा: 17 अप्रैल, 1953 को पदभार ग्रहण किया। 11 अगस्त, 1955 को इस्तीफा दिया। कार्यकाल: दो साल और तीन महीने।
- चौधरी मोहम्मद अली: अगस्त 1955 में पदभार ग्रहण किया। सत्तारूढ़ दल में आंतरिक मतभेदों के कारण 12 सितंबर, 1956 को उन्हें हटा दिया गया। कार्यकाल एक वर्ष और एक महीना रहा।
- हुसैन शहीद सुहरावर्दी: 12 सितंबर, 1956 को पदभार ग्रहण किया। 18 अक्टूबर, 1957 को सेना से मतभेद के बाद पद छोड़ा। कार्यकाल एक वर्ष और एक महीना रहा।
- इब्राहिम इस्माइल चुंदरीगर: अक्टूबर 1957 में कार्यभार संभाला। 16 दिसंबर, 1957 को इस्तीफा दे दिया, संसद में अविश्वास मत का सामना करना पड़ा। कार्यकाल दो महीने से कम रहा।
- मलिक फिरोज खान नून: 16 दिसंबर, 1957 को पदभार ग्रहण किया। 7 अक्टूबर, 1958 को पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू होने के कारण बर्खास्त कर दिया गया। कार्यकाल: 10 महीने से कम।
- नूरुल अमीन: 7 दिसंबर, 1971 को पदभार ग्रहण किया। पाकिस्तान से बांग्लादेश के अलग होने के तुरंत बाद 20 दिसंबर, 1971 को कार्यालय छोड़ दिया। कार्यकाल दो सप्ताह से कम रहा।
- जुल्फिकार अली भुट्टो: 14 अगस्त, 1973 को पदभार ग्रहण किया। 5 जुलाई 1977 को एक सैन्य तख्तापलट द्वारा उन्हें जेल में डाल दिया गया और उन्हें फांसी दे दी गई। कार्यकाल तीन साल और 11 महीने रहा।
- मुहम्मद खान जुनेजो: मार्च 1985 में पदभार ग्रहण किया। उन्हें 29 मई 1988 को सैन्य प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा बर्खास्त कर दिया गया, जो राष्ट्रपति भी थे। कार्यकाल तीन साल और दो महीने रहा।
- बेनजीर भुट्टो: ल्फिकार अली भुट्टो की बेटी और मुस्लिम राष्ट्र की पहली महिला पीएम। 2 दिसंबर, 1988 को पदभार ग्रहण किया। भ्रष्टाचार के आरोप में उनकी सरकार को 6 अगस्त, 1990 को राष्ट्रपति द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। कार्यकाल एक साल और आठ महीने रहा।
- मियां मुहम्मद नवाज शरीफ: 6 नवंबर 1990 को पदभार ग्रहण किया। उनकी सरकार को भी 18 अप्रैल, 1993 को भुट्टो के समान आरोपों पर राष्ट्रपति द्वारा खारिज कर दिया गया था । सेना के साथ मतभेद के बाद कुल कार्यकाल दो साल और सात महीने रहा।
- बेनजीर भुट्टो: 19 अक्टूबर, 1993 में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में लौटी। 5 नवंबर, 1996 को कुशासन के आरोप में एक बार फिर राष्ट्रपति द्वारा बर्खास्त कर दिया गया। कार्यकाल सिर्फ तीन साल से अधिक रहा।
- नवाज शरीफ: 17 फरवरी, 1997 को दूसरी बार सत्ता में आए। पाकिस्तान के इतिहास में तीसरी बार 12 अक्टूबर 1999 को सैन्य तख्तापलट द्वारा उनकी सरकार गिर गई। कार्यकाल दो साल और आठ महीने रहा।
- मीर जफरुल्लाह खान जमाली: नवंबर 2002 में सैन्य शासन के दौरान प्रधान मंत्री चुने गए। उन्होंने 26 जून, 2004 को सेना के साथ मतभेद के बाद इस्तीफा दे दिया। कार्यकाल एक साल और सात महीने रहा।
- यूसुफ रजा गिलानी: 25 मार्च 2008 को प्रधान मंत्री चुने गए। उन्हें अदालत की अवमानना के आरोप में 2012 में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कार्यकाल चार साल और एक महीना रहा।
- नवाज शरीफ: 5 जून, 2013 को तीसरी बार प्रधान मंत्री चुने गए। उन्हें 28 जुलाई, 2017 को संपत्ति छिपाने के आरोप में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्त कर दिया था। कार्यकाल चार साल और दो महीने रहा।
- इमरान खान: 18 अगस्त, 2018 को प्रधान मंत्री के रूप में चुने गए। 10 अप्रैल, 2022 को विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर हो गए। कार्यकाल तीन साल और सात महीने रहा।