धूरी के नजदीकी गांव बेनड़ा में बसंत पंचमी पर पतंग लूटने के लिए घर से बाहर गए एक छह वर्षीय बच्चे को हड्डारोड़ी के दर्जन भर कुत्तों ने दबोच लिया व नोच-नोच खा गए। कुत्तों के काटने से बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। डाक्टर का कहना है कि कुत्तों ने बच्चे की गर्दन, चेहरा बुरी तरह से नोच लिया व शरीर के अन्य हिस्सों पर भी कुत्ते के दांतों के गहरे घांव हैं। कुत्ते बच्चे के शरीर से कई हिस्सों से मांस नोचकर खा गए, जिससे बच्चे की मौत हो गई।
सिविल अस्पताल संगरूर में बच्चे की मां मीना कुमारी निवासी बेनड़ा ने बताया कि वह लोगों के घरों में झाड़ू पोछा करने व बर्तन मांजने का काम करती है। बसंत पंचमी पर गांव में किसी के घर पर शादी का प्रोग्राम था, जहां वह बर्तन मांजने के लिए गई हुई थी। उसका पुत्र रवनीत कुमार अपनी दो बहनों के साथ घर पर ही पतंग से खेल रहा था। बच्चों से वह कहकर गई थी कि वह घर के गेट को बंद रखें, लेकिन रवनीत कटी हुई पतंग पकड़ने के लिए घर से बाहर कब्रिस्तान की तरफ भाग गया, जहां नजदीक ही हड्डारोड़ी थी। हड्डारोड़ी पर घुमने वाले कुत्तों ने रवनीत को दबोच लिया व उसे नोच-नोचकर खा गए। गांव के लोगों ने ही कुत्तों के चंगुल से रवनीत को बचाया, लेकिन जब तक उसकी हालात काफी खराब हो गई थी। गांव से ही किसी लड़के ने आकर उसे शादी वाले घर पर बताया कि उसके पुत्र को कुत्तों ने काट लिया है। वह भाग कर वहां पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से अपने पुत्र रवनीत को लेकर सिविल अस्पताल धूरी पहुंचे। उसकी गंभीर हालत देखते हुए उसे संगरूर रेफर कर दिया गया, जहां डाक्टरों ने रवनीत को मृतक करार दे दिया।
मृतक बच्चे की मां मीना कुमारी ने कहा कि उसका पति उन्हें कुछ वर्ष पहले छोड़कर चला गया था, उसे नहीं पता की उसका पति अब कहां पर रहता है। उसके एक लड़के के अलावा दो बेटियां हैं, जिनकी आयु 10 व 12 वर्ष है। वह अपने बच्चों को घर पर छोड़कर ही किसी के घर काम करने के लिए गई थी, लेकिन उसे क्या पता था कि रवनीत अचानक घर से बाहर निकल जाएगा।
डा. जसदीप कौर ने बताया कि बच्चे के अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। कुत्तों ने बच्चे की गर्दन, चेहरा बुरी तरह से नोच रखा था। गर्दन से मांस निकाल लिया था व शरीर के अन्य हिस्सों पर भी कुत्ते के दांतों के गहरे घांव हैं। कुत्ते बच्चे के शरीर से कई हिस्सों से मांस नोचकर खा चुके थे। गहरे घांवों में से रक्त रिस रहा था और बच्चे की मौत हो गई थी।
ग्रामीण नाजिर खान ने कहा कि गांव के बाहरी इलाके में उक्त परिवार का घर है, जहां पर नजदीक ही कब्रिस्तान व हड्डारोड़ी मौजूद है। बच्चा पतंग पकड़ने के लिए घर से अकेला ही बाहर भाग गया और हड्डारोड़ी के कुत्तों ने उसे पकड़ लिया। बच्चे की आवाज सुनकर वह भाग कर हड्डारोड़ी की तरफ गए व कुत्तों को बड़ी मुश्किल से भगाया। रवनीत को कुत्तों के झुंड से आजाद करवाकर वह तुरंत बच्चे को लेकर सिविल अस्पताल लेकर भागे, लेकिन अफसोस है कि बच्चे की जान नहीं बच पाई।